इस तरफ आती तो हम भी देखते फसले बहार…..

एक छंटाक भी चना व मसूर नहीं खरीदा गया बैरिया के क्रय केन्द्र प

बलिया के पूर्वी इलाके के किसानों के उत्पाद खरीद के लिए यह है एकमात्र क्रयकेन्द्र

गोदाम का गेंहू हटाया ही नहीं गया, खरीद कर कहां रखें सचिव

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बैरिया(बलिया)। किसी कवि की रचना कि “रोज अखबारों में पढ़कर यह ख्याल आया हमें, इस तरफ आती तो हम भी देखते फसले बहार” बैरिया विधानसभा के चना व मसूर क्रय केंद्र पर चरितार्थ हो रहा है. बलिया जिले के पूर्वी हिस्से के लिए साधन सहकारी समिति बैरिया में स्थापित इकलौते चना व मसूर क्रय केंद्र पर आज तक एक छंटाक भी चना, मसूर नहीं खरीदा गया. किसान रोज यहां आकर क्रय केंद्र का चक्कर लगाते हैं. जबकि दूसरी तरफ जिलाधिकारी तथा जिला पूर्ति अधिकारी अखबारों के माध्यम से कड़ी से कड़ी कार्यवाही की अलाप लगाते रहते हैं. खरीददारी के तराने गाते हैं. लेकिन सारी बातें हवा हवाई हैं.

यहां पर बैरिया में साधन सहकारी समिति के गोदाम पर खोले गए चना मसूर क्रय केंद्र का दरवाजा एक दिन के लिए भी नहीं खोला गया. क्रय केंद्र पर सचिव भी उपस्थित नहीं रहते. क्रय केंद्र के आसपास के लोगों ने बताया कि इस क्रय केंद्र पर गेहूं खरीद के समय किसानों से जो गेहूं खरीदा गया उसी से गोदाम फुल है. यहां और कुछ रख पाने लायक जगह नहीं है. इसलिए सचिव दिन में एक दो बार आते हैं और उस समय आए हुए किसानों से यही कहते हैं कि जब यहां के गोदाम का गेहूं बलिया चला जाएगा, गोदाम खाली हो जाएगा, तभी हम चना और मसूर की खरीद कर पाएंगे. अभी हम खरीद लें तो रखेंगे कहां? रखने का कोई जगह ही नहीं है, और ना ही सरकारी तौर पर कोई व्यवस्था दी गई है. ऐसे में किसान रोज इस उम्मीद से आते हैं कि शायद यहां के गोदाम में रखा गया गेहूं कहीं अन्यत्र भेजा गया हो तो शायद आज से खरीद होगी.
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार जिस धूम-धड़ाके के साथ किसानों को लाभ पहुंचाने की बातें, दावे के साथ कहती है. उस दावे के ढोल का पोल कुछ बैरिया साधन सहकारी समिति के चना व मसूर क्रय केंद्र जैसा ही है. लंबी लंबी बातें जितना अखबारों में अच्छी लगती हैं, उतना धरातल पर नहीं है.
बताते चलें कि जनपद ही नहीं पूर्वांचल में बलिया के पूरब जयप्रकाश नगर तक गंगा व घाघरा तटवर्ती इलाका सबसे ज्यादा मसूर की खेती करता है. जाहिर सी बात है कि यहां पर मसूर और चना का उत्पादन बहुत अधिक मात्रा में हुआ है. किसान मजबूरी में बाजार के दुकानदारों के यहां अपना चना व मसूर बेचने को विवश है. इलाके में इस बात की चर्चा भी जोर शोर से है कि जिलाधिकारी से वार्ता कर यहां के कतिपय बड़े किसान और बड़ी पहुंच वाले लोग पर्दे के पीछे से ही अपना मसूर व चना क्रय केंद्रों के माध्यम से जिला मुख्यालय पर ही भेज चुके हैं. जबकि यहां 5 कुंतल से लगायत सौ-दो सौ कुंतल उत्पादकों की कोई पूछ नहीं है. इस बात को तस्दीक करने के लिए साधन सहकारी समिति के क्रय केंद्र सचिव के मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनका मोबाइल नेटवर्क से बाहर रहा.
इस बाबत बैरिया भाजपा विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह से जब यहां की स्थिति की जानकारी दी गई, तो उन्होंने कहा कि इस मामले में हम अभी तुरंत जिलाधिकारी बलिया से बात करते हैं. उनसे यह कहेंगे कि साधन सहकारी समिति बैरिया के गोदाम में किसानों से खरीद कर रखे गए गेहूं को तत्काल किसी अन्यत्र सुरक्षित जगह पर रखवाने की व्यवस्था करते हुए यहां के किसानों का उत्पाद चना व मसूर तत्काल खरीदा जाए. विधायक ने कहा कि हम इस संदर्भ में तुरंत कोई न कोई व्यवस्था करा रहे हैं. जिससे हमारे किसान अपना उत्पाद क्रय केंद्र पर बेच सकें.

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