बलिया. सपा के जिला प्रवक्ता शिक्षक नेता सुशील कुमार पाण्डेय “कान्हजी” ने कहा कि 2022 – 23 के केंद्रीय बजट को पूंजीपतियों के विकास और उनके हेतु बजट कहा जा सकता है. 2022-23 के आम बजट को बजट की अपेक्षा काल्पनिक साहित्य की संज्ञा दी जा सकती है. बजट खाली थोथा कागज का पुलिन्दा है.
बजट में मध्यमवर्ग के लिए आयकर में छूट में वृद्धि की जानी चाहिए थी. क्योंकि इस वर्ग ने कोरोना काल में काफी नुकसान उठाया है. इस वर्ग में छोटे व्यापारी, शिक्षक, कर्मचारी और स्वरोजगार में लिप्त लोग हैं जिनका मनोबल बढ़ाया जाना आवश्यक था. टैक्स स्लैब का दायरा बढा कर अर्थ व्यवस्था के विकास में तेजी लाई जा सकती थी. इस बजट से किसान, बेरोजगार, नौकरी पेशा लोगों को निराशा हाथ लगी है. साथ ही महंगाई से राहत दिलाने के लिये कोई प्रयास नहीं किया गया है.
इस बजट में जन सुविधाओं के लिए भी कोई चर्चा नहीं की गई है. कार्पोरेट टैक्स को कम कर पूंजीपतियों को बूस्टर डोज़ दिया गया है. जबकि नौकरीपेशा लोगों के लिए टैक्स स्लैब में कोई राहत नहीं दी गई है. नई शिक्षा नीति 2021 के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. यह बजट देश के आम जन सामान्य को आर्थिक शक्ति प्रदान करने में पूरी तरह फेल है.
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)