बलिया। बाढ़ नियंत्रण कक्ष सिंचाई विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 56.02 मीटर है, जो घटाव पर है और खतरा बिन्दु से नीचे है. मगर गंगा का कटान द्वाबा के तटवर्तियों की धुकधुकी बढाए हुए है. इसीके मद्देनजर मंगलवार को रामगढ़ में गंगा के कटान का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस और पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी.
इसे भी पढ़ें – गंगा ने तटवर्तियों की फिर बढ़ाईं धड़कनें
इसे भी पढ़ें – गंगा पार के गांवों में हालात बदतर, नहीं पहुंची राहत टीम
इसी प्रकार घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 62.135 मीटर है, जो बढ़ाव पर है, किन्तु खतरा बिन्दु से नीचे है. चांदपुर पर 56.36 मीटर, मांझी पर 53.64 मीटर है, जो घटाव पर है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 57.60 मीटर है, जो स्थिर है.
इसे भी पढ़ें – सौ साल पुराने रिकार्ड छूने को आतुर हैं गंगा और तमसा
इसे भी पढ़ें – काशी से मांझी तक गंगा का रौद्र श्रृंगार, दहला बलिया
हमारे बैरिया संवाददाता के मुताबिक रामगढ ढाला से लगभग 150 मीटर आगे गंगापुर ढाला हाइवे से सटे सोहरा कटान था. फिलहाल कटान रुका हुआ है. वहा कटान उतरती लहरों या उतरी स्थिर अवस्था में पानी के बढाव पर होता है. गंगापुर मे हाईवे से 20 मी दूरी तक कटान हुआ था. फिलहाल कटान रुका है और रुके रहने की ही सम्भावना है.
इसे भी पढ़ें – शिवपुर कपूर दियर का शवदाह गृह भी कटान को भेंट
हालांकि दुबे छपरा रिंग बांध टूट जाने के बाद एनएच 31 को लेकर लोगों के मन में शंका घर कर चुकी है. लोग बाग गंगा की हर हरकत पर चौकस नजर रख रहे हैं. काशीपुर नई बस्ती के अनूप कुमार मिश्र ने व्हाट्स ऐप के जरिए बलिया लाइव को मैसेज भेज कर कुछ इसी तरह की आशंकाएं जाहिर किए. श्री मिश्र बताते हैं कि रामगढ़ ढाले से 100 कदम पश्चिम करीब चार बीघा जमीन उफनाई गंगा अपने आगोश में ले चुकी हैं. इससे एनएच 31 को लेकर आशंकाएं उठनी स्वाभाविक है, क्योंकि अब दूरी बमुश्किल 30 मीटर बची है.
इसे भी पढ़ें – किसी बाढ़ पीड़ित को लोगों ने भूखा नहीं सोने दिया