इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कर्मचरियों की हड़ताल से ठप हो गया है सारा काम

कर्मचारियों ने कहा, कुलपति को हटाने तक चलता रहेगा उनका आंदोलन

इलाहाबाद। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कर्मचारी शुक्रवार को चौथे दिन भी हड़ताल पर रहे. सभी काउंटर और कार्यालय बंद होने से विवि का काम पूरी तरह ठप रहा. शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है. 16 मार्च से परीक्षा भी है, उसमें भी बाधा आती दिख रही है. उधर, कर्मचारी यूनियन के नेता डॉ. संतोष सहाय व छात्र नेता राणा यशवंत के बीच मारपीट के मामले ने आग में घी का काम किया है और आंदोलन और तीखा हो गया है.

इस वारदात के बाद कर्मचारियों ने कहा है कि आंदोलन कुलपति को हटाने तक जारी रहेगा. इस विश्वविद्यालय में कई विद्वान कुलपति आए और सभी ने कर्मचारियों की बातों को सुना तथा समस्याओं का समाधान किया. लेकिन ये कुलपति तो आंदोलन खत्म करवाने के लिए कर्मचारियों को छात्रों से पिटवा रहे हैं. राणा यशवंत पर आरोप है कि उन्होंने आंदोलन खत्म करने के लिए कर्मचारी नेता पर दबाव बनाया और सफल न होने पर मारपीट की. राणा ने कहा था कि कुलपति अच्छा काम कर रहे हैं और तुम सब हड़ताल कर रहे हो. मामला बढ़ने पर राणा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्रा और उपाध्यक्ष आदिल हमजा ने कर्मचारी नेता पर हमले की निंदा की है और मांगों को लेकर हो रहे आंदोलन का समर्थन किया है. शिक्षक संघ ने भी हमले की निंदा के साथ आंदोलन के समर्थन में पत्र कुलपति को सौंपा है और उनसे मांगों को मानने के लिए कहा है. कर्मचारियों से भी हड़ताल खत्म करने की भी अपील की है, जिसे कर्मचारियों ने नहीं माना है. ये आंदोलन अब राजनीतिक रंग भी लेता जा रहा है. शुक्रवार को शहर उत्तरी के भाजपा प्रत्याशी हर्ष वाजपेयी और शहर पश्चिमी से सपा-कांग्रेस गठबंधन उम्मीदवार व विवि की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने भी कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया.

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  • 2005 से जितने भी संविदा कर्मी हैं, उन्हें स्थाई किया जाए
  • विवि में काम कर रहे कर्मचारियों के एरियर का भुगतान तुरन्त हो
  • मृतक आश्रित कोटे से जिन्हें नौकरी नहीं मिली है, उन्हें नौकरी दी जाए
  • रोका गया प्रमोशन बहाल किया जाए
  • कार्यरत सभी कर्मचारियों को स्थायीकरण के आदेश के साथ देय तिथि से एसीपी व एमएसीपीएस का तुरन्त लाभ मिले आदि सहित 15 मांगें हैं.
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