प्रदूषण के अंतहीन प्रहार से विचलित गंगा टिहरी बांध का दर्द अब और झेलने के मूड में नहीं-रमाशंकर

बलिया। प्रदूषण के अंतहीन प्रहार से विचलित गंगा टिहरी बांध का दर्द अब और झेलने के मूड में नहीं है. जरूरत है पतित पावनी की सहायक नदियों, रामगंगा, काली, गोमती, तमसा, वरुणा की सफाई करने के लिए केंद्र सरकार यथोचित निर्णय लें. उक्त बातें गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने श्रीरामपुर गंगा घाट पर मां गंगा का आंचल साफ करने के पश्चात गंगा प्रेमियों के बीच कही.

इस दौरान नदी के घाटों की सफाई की गई. टीम को देख गंगा स्नान करने वाले भी इस अभियान में लग गए. कहा कि गंगा को विश्व स्तर पर बाजार बनाने की प्रक्रिया को रोका नहीं गया तो भारतीय संस्कृति का संकट और जटिल होगा. नदियों से ही जीवन प्रणाली सुरक्षित रहती है, लेकिन पश्चिमी संस्कृति ने भारत में गंगा यमुना तथा उत्तरी भारत की अधिकांश नदियों को अपने चपेट में ले लिया है. कहा कि धन बल से गंगा साफ रखने की केंद्रीय कवायद तभी सफल होगी जब गंगा जल की गुणवत्ता को अक्षुण्ण रखने के लिए जल विद्युत परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी. इस मौके पर साहित्यकार कन्हैया मिश्र, छात्र नेता अजय गिरि, अनूप गुप्त, शिवम जौहरी, गंगासागर यादव आदि मौजूद थे.

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