बलिया में मरने वालों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं संख्या 124 तक पहुंची

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बलिया में मरने वालों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं संख्या 124 तक पहुंची
हीटवेव से मरने के दावे को सरकार ने नकारा

बलिया. जनपद में हीटवेव से मरने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. कहीं ना कही से मरने की खबरें बराबर मिल रही है परंतु सरकार एवं विभाग इसे मानने को तैयार नहीं है. हीटवेव से मरने वालों की संख्या अब 124 तक पहुंच गई है.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा उत्तर प्रदेश में विपक्ष के नेता रहे रामगोविंद चौधरी का कहना है कि भाजपा सरकार हीटवेव के दौरान बलिया को राहत पहुंचाने में पूरी तरह नाकाम रही है. सरकार के परिवहन मंत्री का कहना है कि गर्मी में हर साल मौतें होती रहती हैं. बलिया में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.

सरकार का दावा है कि हीटवेव से बलिया में कोई मौत नहीं हुई है. सही बात बताने वाले जिला चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को बलिया से हटाकर उपनिदेशक बना दिया गया है. मीडिया के रिपोर्ट की माने तो अब तक हीटवेव से जनपद के विभिन्न भागों में 124 मौतें हुई है. इस बीच जिला चिकित्सालय में उपचारिका एवं वार्ड बॉय की ड्यूटी बढ़ा दी गई है.

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला अस्पताल के मुख्य द्वार से ही मरीजों को उपचार देने की व्यवस्था कर ली गई है. बलिया में हिट वेब से मरने वालों की संख्या सैकड़ा पार करने पर चिकित्सा निदेशालय की एक टीम बलिया में आकर 3 दिनों तक जांच करने के बाद बोली कि बलिया में हीटवेव से किसी की मौत नहीं हुई.

जिला मुख्यालय के अतिरिक्त मंगलवार को गंगा के द्वारे क्षेत्र में फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलें इकट्ठा करने वाले एक पुरुष की हीटवेव के कारण मौत हो गई परंतु इसे सरकार स्वीकार करने को तैयार नहीं है. लोगों का मानना है कि पानी ना मिलने की वजह से उस अज्ञात व्यक्ति की मौत हो गई. इसी प्रकार अपनी रिश्तेदारी से लौट रही एक महिला की मौत रास्ते में हो गई क्योंकि उसे प्यास लगने पर पानी नहीं मिल सका.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुशील पांडे का कहना है कि सरकार सच्चाई को स्वीकार करने को तैयार नहीं है . उनका कहना है कि जिला अस्पताल में मरीजों के वार्ड में कूलर की कोई व्यवस्था नहीं है. गर्मी के इस मौसम में मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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