रेवती (बलिया) से पुष्पेंद्र कुमार तिवारी
कल सुबह तक जहां खुशियां ही खुशियां थी, दोपहर बाद अचानक मातम में तबदील हो गईं और लोगों की जुबां पर बस एक ही वाक्य था – “हे भगवान, ये तूने क्या कर दिया.” यह सच है कि नियति के आगे किसी का बस नहीं है, लेकिन ऐसी घटनाएं लोगों के मन मस्तिष्क को हिलाकर रख देती हैं. इसे भी पढ़ें – होलीः नहाने गए रेवती के दो युवक घाघरा में डूबे
सोमवार के दिन घाघरा नदी में दो युवक आर्यन भारद्वाज उर्फ सन्नी तथा राम बाबू के डूबने की घटना ने रेवती कस्बे के रहवासियों को सकते में डाल दिया है. होली का रंग थम गया, गुलाल भी नहीं उड़ा. जो जहां था, सब पूर्व चेयरमैन डॉ. सुरेश चन्द्र शर्मा के घर तथा घाघरा नदी की तरफ दौड़ पड़ा. सुबह होली की रौनक दोपहर बाद नगर सहित घाघरा दियरांचल में नहीं दिखी. सबकी आंखे सन्नी व रामबाबू की तलाश में अपलक खुल रही. घंटों प्रयास के बाद रामबाबू के शव मिलते ही शिवमंगल चौरसिया के परिजनों पर मानो पहाड़ टूट पड़ा. मां निर्मला की आंखें रोते रोते पथरा सी गयी थी. इसे भी पढ़ें – होली – बिहारा गांव में नदी में डूबा किशोर, दूसरे को ग्रामीणों ने बचाया
उधर डॉक्टर साहब के घर के अन्दर महिलाओं के करुण क्रंदन तथा बाहर सैकड़ों लोगों के बीच बैठे पिता चिकित्सक डॉ.गौतमदेव शर्मा, बड़े पिता पूर्व चेयरमैन डॉ. सुरेश चन्द्र शर्मा को ढांढस देने वाले लोगों की आंखें स्वतः ही नम हो जा रही थी. चचेरा भाई रवि तो कई बार अचेत हो जा रहा था. बड़ी मम्मी उर्मिला, बहन निशी कानपुर से मंगलवार को घर पहुंची. सन्नी की बहन ज्योति, मिनी, रीना आदि का भी रोते रोते बुरा हाल था. सभी के जुबां पर सिर्फ सन्नी का ही नाम था. इसे भी पढ़ें – बनारस के सूर्य सरोवर में बीटेक छात्र डूबा