महाश्वेता- जनांदोलन की मां, हजार चौरासी की मां

बलिया लाइव ब्यूरो

बलिया। भारत की सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका महाश्वेता देवी के निधन से जिले के साहित्यकार और रंगकर्मी मर्माहत हैं. अपनी लेखनी से आदिवासियों, दलितों और महिलाओं के दुख दर्द और उनके संघर्षों को आवाज देने वाली महान लेखिका का निधन 91 वर्ष की अवस्था में कोलकाता में हो गया.

इसे भी पढ़ें – साहित्यकारों को भी मिल सकती है आर्थिक मदद

निःशब्द हुई गरीबों और वंचितों की आवाज 

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE         

संकल्प साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था के आर्य समाज रोड स्थित कार्यालय पर साहित्यकारों और रंगकर्मियों ने दो मिनट का मौन रखा. इस अवसर पर जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जनार्दन राय ने कहा कि महाश्वेता देवी का इस संसार से जाना भारतीय साहित्य जगत की एक अपूर्णीय क्षति है, जिसे भरना आसान नहीं है.

इसे भी पढ़ें – महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित रहे डॉ. श्रीराम चौधरी

मूल तौर पर सोशल एक्टिविस्ट थी, लेखन तो पार्ट टाइम जॉब था

जमाल पुरी ने कहा कि महाश्वेता देवी दलितों आदिवासियों की आवाज़ थी. युवा साहित्यकार रामजी तिवारी ने कहा कि महाश्वेता देवी लेखन के साथ-साथ सोशल एक्टिविस्ट भी थी, ऐसे रचनाकार कम ही होते हैं उनका पूरा लेखन जन पक्षधर था.

इसे भी पढ़ें – चंद्रशेखर संसदीय परम्परा के शिखर पुरुष – नरेंद्र मोदी

महाश्वेता को संघर्षशील लेखिका बताया

युवा रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने कहा कि ज्ञानपीठ, पद्म विभूषण और मैग्सेसे पुरस्कारों से सम्मानित महाश्वेता देवी ने आदिवासियों और दलितों के बीच रहकर अपनी लेखनी को मांजा. स्मृति निधि ने महाश्वेता देवी को एक संघर्षशील लेखिका बताया. इस अवसर पर डॉ. राजेंद्र भारती, भोला प्रसाद आग्नेय, समीर पांडेय, सोनी अमित पांडेय, आनंद कुमार चौहान, ओम प्रकाश, अरविंद गुप्ता, पंकज, चंदन, सुनील, गोकुल, राजकुमार, राजेश, नीतीश पांडेय  आदि मौजूद रहे.

इसे भी पढ़ें – साहस, शौर्य एवं संवेदना के प्रतीक थे चंद्रशेखर 

VINAY BIHARI SINGHमहाश्वेता दी ने अपने जीवन का लंबा समय आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन की लड़ाई के संघर्ष में खर्च कर दिया. उन्होंने पश्चिम बंगाल की दो जनजातियों ‘लोधास’ और ‘शबर’ विशेष पर बहुत काम किया. इन संघर्षों के दौरान पीड़ा के स्वर को महाश्वेता ने बहुत करीब से सुना और महसूस किया है – विनय बिहारी सिंह, वरिष्ठ पत्रकार (इंडियन एक्सप्रेस समूह, कोलकाता), संप्रति सुखपुरा (बलिया) के दौरे पर

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE