सुखपुरा(बलिया)। क्रोध, चिंता और शोक मानव के लिए सबसे बड़े दुख का कारक है. इससे मुक्ति का एक मात्र उपाय है कि आप भगवत् भजन मे अपने को पूरी तरह लगा दें. रामनाम संकीर्तन भगवत् भजन का सबसे सहज साधन है. कलियुग मे संकीर्तन से मानव का कल्याण होगा. यह बातें स्वामी हरिहरानंद ने कहा. वह सोमवार को संत यतीनाथ मंदिर पर भक्तों को सम्बोधित कर रहे थे. कहा कि ईश्वर कभी किसी का अमंगल नही करते. वह सदा मंगल ही करते है. रामनाम संकीर्तन से बड़ा कोई मंत्र कलियुग मे नही है. इसमे मानव के पापों के नाश करने की क्षमता है. जिस गांव मे संकीर्तन होता है न सिर्फ वह गांव बल्कि आस पास के समस्त गांवों को लाभ मिलता है. प्रकृतिक आपदाएं इन गांवों से दूर चली जाती है. संकीर्तन से आस पास का वातावरण भी शुद्ध होता है. कहा कि आप सब घर की तमाम परेशानियों के बाद भी यदि संभव हो प्रतिदिन संकीर्तन के लिए दो घंटे का समय निकाले और संकीर्तन के सहभागी बने. यदि यह भी संभव न हो तो हफ्ते मे दो घंटे संकीर्तन करेें. ईश्वर निश्चित रुप से आपका कल्याण करेगा. इस मौके पर विरेन्द्र महाराज,जनार्दन उपाध्याय, गणेश प्रसाद, अमित उपाध्याय, गोविंद प्रसाद, रामनाथ सिंह, विजय शंकर सिंह, विमला देवी, सावित्री सिंह, राधिका देवी, विश्वनाथ गुप्ता, जीयुत पांडेय, व्रह्मदेव यादव सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे.