संपूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने की भाषा है हिंदी- विद्यार्थी

दुबहर, बलिया. दुबहर क्षेत्र के अखार गांव स्थित महात्मा गांधी सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर में हिंदी दिवस के मौके पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी को संबोधित करते हुए हिंदी साहित्य प्रेमी बब्बन विद्यार्थी ने कहा कि हिंदी जन-जन की भाषा है. इसको बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक केंद्र और प्रदेश सरकारों को हिंदी की अनिवार्यता सुनिश्चित करनी चाहिए तभी जाकर के हिंदी को अपना सम्मान मिल पाएगा. जिस तरीके से समाज तथा कार्यालयों में अंग्रेजी को बढ़ावा दिया जा रहा है, वह हिंदी भाषा के साथ नाइंसाफी है.

इस मौके पर डॉ. अखिलेश सिंह, लकी सिंह ,पन्नालाल गुप्ता मस्ताना , सूर्य प्रताप यादव, रविंद्र तिवारी, रमेश सिंह, शिवजी बारी, शिवनाथ ठाकुर , पतिराम खरवार, अख्तर अली, इन्दु भूषण मिश्रा, मु. वसीम, सुनील वर्मा, रामजी प्रसाद आदि रहे .

बब्बन विद्यार्थी ने कहा कि भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं, किंतु जो भाषा संपूर्ण राष्ट्र को एकसूत्र में बांधती है वह है हिंदी. यह भाषा विविधता में एकता को सिद्ध करती है. शिष्टाचार एवं संस्कृति की जननी ही नहीं बल्कि हिंदी, हिंद की पहचान है.

उन्होंने कहा कि आज भले ही हिंदी बोलने वालों की संख्या अपने देश एवं विदेशों में बढ़ रही है लेकिन इंग्लिश का बढ़ता प्रचलन हिंदी भाषा की गरिमा के दृष्टिकोण से गंभीर चिंता का विषय है. हमारे देश में भाषाओं की बहुलता के कारण भाषाई वर्चस्व की राजनीति ने भाषावाद का रूप धारण कर लिया है. इसी भाषावाद की लड़ाई में जो सम्मान हिंदी को मिलना चाहिए, वह नहीं मिल सका है. इस विषय पर हम हिंदुस्तानियों को गौर करने की जरूरत है.

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE         

(दुबहर से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट )

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE