बंधा टूटने की जांच कराये सरकार: रामगोविंद

बलिया: बाढ़ से पीड़ित लोगों की प्रशासनिक स्तर पर मदद नहीं की जा रही है. सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री भी आए थे. लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने 12 घंटे में मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन शुद्ध जल और खाद्य पदार्थ भी नहीं पहुंचाए जा रहे हैं. सरकार को 40 करोड़ का बंधा टूटने के मामले की जांच करानी होगी.

ये बातें नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही. चौधरी ने कहा कि बाढ़ कैंपों में भी समय से राहत सामग्री नहीं पहुंच रही है. लोग भूख से तड़प रहे हैं लेकिन उनकी सुध कोई नहीं ले रहा है. बिजली के बिलों में अप्रत्याशित वृद्धि कर दी गई है, डीजल पेट्रोल के मूल्य बढ़ गये हैं.

उन्होंने कहा कि नया मोटर व्हैकिल एक्ट में तमाम खामियां हैं. सरकार अपने घाटे को जजिया कर वसूल कर पूरा करना चाहती है. देश में 16 औद्योगिक घरानों से घाटा खत्म हो सकता है. बिजली कटौती से आम लोग बेहाल हैं. सीएम कहते हैं कि ट्रांसफार्मर जलने पर 3 दिन में बदले जाएंगे लेकिन अनेक क्षेत्रों में 3 माह से ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं.

चौधरी ने मांगों को लेकर एक अक्टूबर को लोकतांत्रिक तरीके से धरना प्रदर्शन करने की बात कही. चौधरी ने कहा कि प्रदेश में अब तक 11 पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. बाढ़ पीड़ितों की सहायता में सपा के लोग लगे हुए हैं. इस मौके पर पूर्व मंत्री नारद राय, सनातन पांडेय, प्रवक्ता सुशील पाण्डेय, गोरख पासवान, ब्यास जी गोड़ आदि भी मौजूद थे.

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