
बलिया. बैरिया तहसील के ग्राम उदईछपरा में बाढ़ के बाद लोगों के सड़क किनारे प्लास्टिक की छत डालकर रहने, मदद न मिलने व खाद्यान्न सामग्री के सम्बन्ध में सोशल मीडिया पर प्रचारित शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी अदिति सिंह ने इसकी जांच उप जिलाधिकारी, बैरिया से करायी.
जांच में पाया गया कि राजस्व ग्राम गोपालपुर में कुल 5 मजरे गोपालपुर, दूबेछपरा, उदईछपरा, प्रसाद छपरा व आलम राय का टोला है. गंगा नदी की बाढ़ के दौरान उदईछपरा के बाढ़ प्रभावित लोगों को अस्थायी बाढ़ शरणालय लार्ड कृष्णा एकेडमी गोपालपुर में अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया था. बाढ़ के दौरान गोपालपुर के मजरा उदईछपरा सहित कुल पांचों मजरों में 19500 पैकेट पका हुआ खाना, 986 खाद्यान्न सामग्री का पैकेट व 291 तिरपाल का वितरण किया गया. इसके अलावा तीन लीटर प्रति परिवार की दर से कुल 4500 लीटर मिट्टी तेल का वितरण एवं मवेशियों हेतु 15 कुन्तल भूसा का वितरण किया गया.
ग्राम गोपालपुर में बाढ़ के दौरान स्वच्छ पेयजल की सुविधा के लिए चार टैंकर प्रतिदिन पानी की उपलब्धता, दो मोबाइल टायलेट एवं प्रकाश व्यवस्था के लिए 40 केवी का एक व 5 केवी के दो जनरेटर लगाकर पगडंडियों एवं अस्थायी बाढ़ शरणालय पर प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करायी गयी. बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों के आवागमन के लिए 13 बड़ी एवं 19 मझोली नाव लगायी गयी थी. राहत व बचाव कार्य के लिए गोपालपुर में एसडीआरएफ की 29 सदस्यों की टीम भी लगायी गयी थी.
जिनके घर गिर गए, उनको आवास योजना का मिलेगा लाभ
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गंगा नदी की कटान के कारण उदईछपरा के 20 घर गिर गये हैं, जिसके सम्बन्ध में सर्वेक्षण कर उप जिलाधिकारी, बैरिया द्वारा प्रधान मन्त्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास उपलब्ध कराने के लिए रिपोर्ट दी गयी है, जिसके सम्बन्ध में जरूरी कार्यवाही की जा रही है.
(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)