स्कूलों की बदहाली के लिए विभाग भी जिम्मेदार

प्राथमिक विद्यालय सहोदरा शिक्षा क्षेत्र दुबहड़ में शनिवार को प्रवेशोत्सव मनाया गया

रसड़ा (बलिया)| प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा के गिरते स्तर के लिये अध्यापकों के साथ साथ विभाग भी कम जिम्मेदार नहीं. शासन से तमाम सुविधाओं के बावजूद परिषदीय विद्यालयो में दिन प्रतिदिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है.

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रसड़ा क्षेत्र में तमाम ऐसे विद्यालय हैं, जहां है छात्र ज्यादे हैं तो अध्यापक कम हैं. वही जहां अध्यापक ज्यादे हैं, वहां छात्र कम हैं, इसके लिये जिम्मेदार कौन है. एक बानगी के तौर पर कोटवारी स्थित प्राथमिक विद्यालय में  एक मात्र प्रधानाध्यापक /एनसीआरपी के जिम्मे 245 छात्र छात्रायें है. वही प्रधानपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में इतने छात्रों पर ही 8 अध्यापक तैनात हैं. ऐसे अनेक विद्यालयों में इस तरह की विसंगतिया मौजूद है. पहले से ही कम अध्यापकों का दंश झेल रहे प्राथमिक विद्यालयों में  अंतर्जनपदीय अध्यापको को स्थानांतरण होने के साथ साथ प्राथमिक विद्यालयों से उच्च प्राथमिक विद्यालयो में स्थानांतरण ने और ही समस्या को बढ़ा दिया.

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उच्च प्राथमिक विद्यालयो में तो अनेक ऐसे विद्यालय हैं. जहां छात्रों की संख्या नगण्य है. फिर भी विभाग की मेहरबानी से गुरु जी मलाई काट रहे है. जैसे मुड़ेरा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में नामांकन दो दर्जन से भी कम है, वहां पढ़ने वालों की संख्या भी नगण्य है, फिर भी चार अध्यापक तैनात हैं. शाहमुहम्मदपुर उच्च प्राथमिक विद्यालय में नामांकन लगभग 52 छात्रों का है, पढ़ने वाले मात्र 20 छात्र हैं. लेकिन आधा दर्जन अध्यापक तैनात हैं. साथ ही नसीरपुर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालयो में 20 छात्रों पर 4 अध्यापक तैनात हैं. ये हाल है परिषदीय विद्यालयो में शिक्षा की व्यवस्था इस व्यवस्था से परिषदीय विद्यालयो में आये दिन आरही शिक्षा की गिरावट में सुधार का सोचना रेत से पानी निकालने के बराबर है. जबकि प्रदेश के शिक्षा मंत्री का यह  गृह  जनपद है. जब मंत्री जी के जनपद का ये हाल है तो अन्य जनपदों का हाल तो राम भरोसे ही होगा.

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