नगरा,बलिया. बलिया में विकास के दावों के बीच खस्ताहाल सड़कें अपना दर्द बयां कर रही है. नगर पंचायत नगरा में एक छोर से दूसरे छोर को जोड़ने वाला नहर मार्ग टूट-फूट कर बहुत ही बुरी हालत में पहुंच गया है. सड़क के खस्ताहाल होने से राहगीरों को परेशानी उठानी पड़ रही है. दो पहिया व चार पहिया वाहन चालक हिचकोले खाते हुए सफर करते हैं वहीं लोगों को इस सड़क पर पैदल चलने में भी दिक्कत हो रही है.
इस सड़क के निर्माण के नाम पर हर वर्ष लाखों खर्च किए जाते हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण इतना घटिया किया जाता है कि सड़क महीने भर में ही टूट जाती है. सड़क निर्माण या डामरीकरण के नाम पर केवल चिप्पी सटाई जाती है. वर्तमान समय में इस सड़क की गिट्टियां पूरी तरह से उखड़ गई है. ग्रामीणों की कई बार मांग करने के बावजूद अभी तक सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है.
सरकार सड़कों के रखरखाव के लिए अधीनस्थों को दिशा-निर्देश दे रही है. शासन से हर वर्ष सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने का निर्देश दिया जाता है लेकिन जिम्मेदारों अधिकारियों पर सरकार के निर्देशों का कोई असर नहीं हो रहा है. क्षेत्र के नगरा-गड़वार मार्ग से नगरा-भीमपुरा मार्ग को जोड़ने वाली लगभग दो किमी लंबी सड़क अपने दयनीय अवस्था पर आंसू बहा रही है.
इस सड़क का निर्माण चार साल पूर्व सपा सरकार में हुआ था, उसके बाद हर साल सड़क पर डामरीकरण कराया जाता है. आरोप है कि इस सड़क के डामरीकरण के नाम पर हर साल चिप्पी सटाकर लाखो रुपए का वारा न्यारा कर लिया जाता है. खस्ताहाल सड़क पर लोगों का निकलना दूभर हो रहा है. दोपहिया वाहन सवार आए दिन गिरकर चोटिल हो रहे हैं. यह मार्ग नगरा में बाईपास का भी काम करता है. जब भी बाजार जाम की चपेट में रहता है, राहगीर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए इस मार्ग का उपयोग करते है. इसके बावजूद जिम्मेदार इस पर ध्यान नहीं दे रहे है.
(नगरा से संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)