भागवत कथा के अंतिम दिन आचार्य राम व्यास उपाध्याय ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि भागवत यही सिखाता है कि मनुष्यों को मुक्ति व जीवों के कल्याण के लिए जीना चाहिए. मनुष्य को मनुष्य के साथ हमेशा प्रेम करते करना चाहिए. मनुष्य को कष्ट देने वाले व्यक्ति दानव की श्रेणी में आते हैं.