ओमप्रकाश तुरैहा के घर के लोग बाजार में सब्जी बेचने में लगे हुए थे कि उनके घर पर अज्ञात कारणों से आग लग गई. वे अपना दुकान छोड़कर के घर पर जाकर देखा कि उनके घर में आग लगा हुआ है दो झोपड़ी सहित एक खोप उसमें रखा गया गेहूं 20 कुंटल जलकर राख हो गया. गांव वालों की मदद से बड़ी मशक्कत के बाद से आग को बुझाया गया.