वक्ताओं ने कहा की आजादी के बाद से आज तक गोंड समाज को सामाजिक शैक्षणिक व राजैनिक क्षेत्र में आगे आने से रोकने का काम किया गया. गोड़ समाज अपने अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र के लिए भटक रहा है. संकल्प लिया संगठित होकर ही हम अपने अधिकारियों को ले सकते है.