Tag: शंकराचार्य
केंद्र सरकार द्वारा नोटबन्दी के जरिए नागरिक स्वतंत्रता का हनन किया गया है. इससे धर्म की भी क्षति होगी. व्यक्ति अपना धन अपनी इच्छानुसार नहीं खर्च करेगा तो कमाएगा क्यों? लोगों को आत्मिक संतुष्टि धर्म करने से होती है. केवल परिवार के पोषण से नहीं. अपना ही धन खर्च करने के लिए नहीं मिलेगा तो कोई यज्ञ, दान, तीर्थाटन कैसे करेगा?