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गाजीपुर-बलिया रेलमार्ग पर करीमुद्दीन रेलवे स्टेशन के पूरब दिशा में लट्ठूडीह गांव के पास रेलवे पटरी चटक गयी है. लट्ठूडीह निवासी सुभाष सिंह ने जब टूटी पटरी को देखा तो सबसे पहले फोन करके करीमुद्दीनपुर स्टेशन मास्टर को सूचना दी. रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. इस मार्ग पर अभी ट्रेन का आना जाना बन्द है.
परिवर्तन यात्रा का बलिया जनपद से गाजीपुर में प्रवेश करते ही विशाल सिंह चंचल सदस्य विधान परिषद, भाजपा नेता डॉ. मुकेश सिंह निदेशक वर्ल्ड ग्रीन हास्पिटल एवं ट्रामा सेण्टर सैदपुर, आनन्द राय मुन्ना, वीरेन्द्र राय, पूर्व विधायक पशुपतिनाथ राय, जितेन्द्र नाथ पाण्डेय, विजय शंकर राय, राजेन्द्र निषाद, राम प्रताप सिंह पिंटू समेत हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों ने जोरदार ढंग से स्वागत किया.
करीमुद्दीन पुर स्थित ईक्यावन शक्ति पीठ में से एक प्रमुख पीठ मां कष्ट हरणी धाम में मंगलवार को अक्षय नवमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य पुजारी हरिद्वार पाण्डेय ने उपस्थित लोगों से इस व्रत का महत्व समझाते हुए कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के नवमी तिथि को आंवला नवमी कहा जाता हैं.
सोमवार को लगभग ग्यारह हजार की संख्या में अखंड दीपक जलाये गए. देश के कोने कोने से लोग आकर मां का दर्शन पूजन करते है, वर्ष भर मां के धाम में शादी, मुंडन, कीर्तन एवं रामायण का आयोजन होता रहता है. मां के दर्शन मात्र से ही मानव का कल्याण हो जाता है, रामनवमी के दिन मा के धाम पर विराट मेले का आयोजन किया जाता है
गाजीपुर जनपद में मुहम्मदाबाद-चितबड़ागांव मार्ग पर करीमुद्दीनपुर थाने के समीप मां कष्टहरणी देवी का धाम आस्था, श्रद्धा व विश्वास से सराबोर अपनी पहचान बनाये हुए है. सदैव अपनें भक्तों के कष्टों को हरने वाली देवी मां का नाम ही है मां कष्टहरणी. जिन्हें दया की सागर, ममतामयी, करूणामयी आदि रूपों की देवी भी कहा जाता है.
महेंद गांव में बकरी चराने के विवाद में दो पक्षों में तकरार हुई. उसी बीच एक पक्ष के हमले में दूसरे पक्ष के रिटायर्ड दारोगा मैनुद्दीन खां (60) की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि उनके तीन बेटे जियाउद्दीन (35), जुबैर (30) तथा दानिश (25) जख्मी हो गए. वाकया शुक्रवार की शाम करीब साढ़े तीन बजे का है. घटना की जानकारी के बाद एसपी ग्रामीण अनिल कुमार सहित सीओ प्रभात कुमार भी मौके के लिए रवाना हो गए. गांव में तनाव की स्थिति है. यह भी इत्तेफाक ही रहा कि दारोगा मैनुद्दीन खां घटना से कुछ ही देर पहले बलिया से रिटायर्ड होकर गांव पहुंचे थे.