सोहावं में बाढ़ पीड़ितों को बांटी राहत सामग्री

पूर्वांचल ग्रामीण चेतना समिति राघोपुर ने कारितास इण्डिया के सहयोग से शुक्रवार को बाढ़ पीड़ित 235 परिवारों को सोहांव स्थित मिशन पर भोजन सामग्री के अलावा दैनिक उपभोग की बस्तुएं वितरित किया

बाढ़ राहत से क्यों वंचित है करइल क्षेत्र

गंगा और घाघरा के साथ टोंस की बाढ़ से सबसे ज्यादे प्रभावित होता है. सर्वाधिक बाढ़ का कहर गंगा नदी द्वारा भरौली से लेकर ब्यासी, दुबहर, हल्दी, गायघाट, रामगढ़, लालगंज होते हुए मांझी तक बरपाया जाता है.

कैबिनेट मंत्री नारद राय की बैठक आज 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय गुरुवार की रात जिले में आ जाएंगे. प्रभारी अधिकारी वीआईपी ने बताया कि मंत्री श्री राय 02 सितम्बर दिन शुक्रवार को 04 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ राहत में लगे अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे.

बाढ़ पीड़ितों के लिए छह टैंकर संचालित

राहत के लिए 62 बाढ़ चौकियां, 62 राहत शिविर, 45 राहत वितरण केंद्र संचालित है. राहत शिविर में 26,600 लोगों ने शरण लिया है. बुधवार तक 41,535 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. 41 मेडिकल टीमें लगी है और 37,126 लोगों का उपचार किया जा चुका है.

भोजन के पैकेट पहुंचाने में शिक्षकों ने झोंकी ताकत

मंगलवार को भोजन पैकेट से भरे वाहनों को खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार और एडीएम के जिला समन्वयक अजीत पाठक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. दुबहर एवं बेलहरी शिक्षा क्षेत्र में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राकेश सिंह के निर्देशन में भोजन पैकेट बनाने तथा बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है.

जिनकी रोजी रोटी चली गई, उन्हें तवज्जो

जिलाधिकारी ने एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिसकी आजीविका चली गयी है, उसे प्राथमिकता पर राहत सामग्री पहले दी जाए. मंगलवार को सोहांव ब्लाक से बेलसीपाह, बसंतपुर, गोविन्दपुर भरौली गांव के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री दी जा रही थी.

दवा व्यापारियों ने बांटी भोजन सामग्री व दवाइंया

बीसीडीए के अध्यक्ष आनन्द सिंह के नेतृत्व में जिले के दवा दुकानदारों मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पीके सिंह के अनुरोध पर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ जनित रोगो के इलावा बुखार, सर्दी आदि की ओषधियों और भोजन के पैकेट व फल आदि का एकजुट होकर दवा व्यवसायियों ने बाढ़ पीड़ितों के बीच वितरित किया.

सहायता को आगे आया चेम्बर आफ कॉमर्स

सोमवार को लाइफ लाइन संस्था के सहयोग एवं चैम्बर आफ कामर्स के संयोजकत्व में जनपद में आए भीषण बाढ़ के कारण त्रासदी झेल रहे बाढ़ पीड़ितों के लिए आट, दाल, चावल, चूड़ा, गुड़ एवं साथ ही कुछ दवाइयों के रूप में 4000 पैकेट स्थानीय एनडीआरएफ की टीम को सुपुर्द किया गया.

बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं जवान

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने रविवार को बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण किया. उन्होंने बैरिया तहसील के सुघरछपरा केंद्र पर श्रीनगर के बाढ़ पीड़ितों को 20-20 किग्रा. आटा व चावल, 04 किग्रा दाल, 10 किग्रा आलू, 05 ली किरोसिन, माचिस, मोमबत्ती, साबुन, बिस्किट, नमक एवं बाल पोषाहार का पैकेट दिया.

विस्थापितों की मदद के लिए आगे आईं स्वयंसेवी संस्थाएं

बलिया जिले में बाढ़ की विनाश लीला से द्रवित होकर कई स्वयंसेवी संस्थाएं विस्थापित लोगों की मदद में हाथ बंटाने लगी हैं.

रिसाव रोकने के लिए ग्रामीणों ने किया चक्का जाम

रामगढ़ के पास सुघर छपरा के पार नेशनल हाई-वे में हो रहे रिसाव को तत्काल बंद करने की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने एनएच पर आवागमन बाधित किया. अधिकारियों के बीच-बचाव व रिसाव शीघ्र बंद करने के आश्वासन पर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ. इस दौरान एनएच पर ट्रैफिक बाधित हुआ.

जिले में चल रही हैं 699 नावें, 62 बाढ़ चौकियां

मंगलवार को गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 60.310 मी है, जो बढ़ाव पर है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड गेजस्थल पर 63.200 मी है और घटाव पर है. टोंस का जलस्तर पिपरा घाट पर 61.90 मी है, जो बढ़ाव पर है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चार मोबाइल मेडिकल टीमें तैनात

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जनपद मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग का एक कन्ट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जिसका नम्बर 05498-220782 है। सीएमओ डॉ. पीके सिंह ने बताया कि इसके नोडल अधिकारी डॉ. जेआर तिवारी नामित किये गये है. जिनका मो0 नम्बर 9415285405 है.

सौ साल पुराने रिकार्ड छूने को आतुर हैं गंगा और तमसा

गंगा और तमसा के बढते जलस्तर ने जहां 2003 और 2013 का रिकार्ड तोड़ दिया है. वहीं लोगों को अब यह डर सताने लगा है कि कहीं आज से सौ साल पहले 1916 मे आई प्रचंड बाढ़ वाली भयावह स्थिति न पैदा हो जाए.

सभी नदियां घटाव पर, मगर कटान ने उड़ाए होश

जिले में सभी नदियां घटाव पर हैं, मगर कटान का सिलसिला जारी है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष की सूचना के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 58.85 मी. है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 62.685 मी., चांदपुर में 59.25 एवं माझी गेजस्थल पर 55.90 मी. है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 60.00 मी. है.

गंगा की लहरों ने चौबेछपरा में जमकर तबाही मचाई

चौबेछपरा में गुरुवार को अचानक तेज कटान शुरू हो गया और पलक झपकते राजनारायण मिश्र, राजकिशोर मिश्र और रामकेशरी देवी के रिहायशी मकान नदी मे विलीन हो गए. कटान को देखते हुए चौबेछपरा के अधिसंख्य मकानो पर दिल-दहलाने वाले हथौडे चलने लगे. एक साथ दर्जन भर मकानों पर चल रहे हथौड़ों की आवाज से आस-पास के लोगों का कलेजा कांप रहा है.

दीयारों के बाद कई गांवों को डराने लगी है घाघरा

गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 55.90 मीटर है, जो बढ़ाव पर है. गंगा नदी खतरा बिन्दु से नीचे है. घाघरा नदी का डीएसपी हेड पर जलस्तर 64.300 मीटर है, जो स्थिर है. चांदपुर में जलस्तर 58.95 मीटर और मांझी में जलस्तर 54.80 मीटर है, जो बढ़ाव पर है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 56.40 मीटर है, जो स्थिर है.

अब बलिया शहर में दाखिल हो चुकी हैं गंगा

बीते तीन दिनों के झमाझम बारिश के बाद किसानों की तो बल्ले बल्ले हो गई हैं, मगर कई जगह बाढ़ जैसी हालत हो गई है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को छू रहा है. हालांकि सोमवार की शाम सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट में 57.400 मीटर, घाघरा का जलस्तर डीएसपी हेड में 63.375 मीटर, घाघरा का जलस्तर चांदपुर में 57.86 मीटर, मांझी में 54.40 मीटर एवं टोंस नदी का जलस्तर पीपरा घाट पर 58.60 मीटर है. अर्थात बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट बता रही है कि जनपद में नदिया बढाव पर है, किन्तु खतरा बिन्दु से नीचे है.