गंगा खतरे के निशान से मात्र 80 सेंटीमीटर नीचे

बलिया में गंगा तटीय इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार बुधवार की शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 56.80 मीटर दर्ज की गई. खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. वैसे गंगा के जलस्तर में वाराणसी में जारी बढ़ोतरी पर मंगलवार को जहां लगाम लगी है, वहीं दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट समेत अधिसंख्य घाटों की सीढ़ियां और मंदिर अब भी पानी में हैं. संगम नगरी इलाहाबाद में भी गंगा के जलस्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.

कठौड़ा रेगुलेटर से पानी का रिसाव कब रुकेगा एडीएम साहब

गंगा, घाघरा एवं अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण कई गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हो रहे हैं. इसे देखते हुए कलेक्ट्रेट स्थित संयुक्त कार्यालय में प्रतिदिन 24 घण्टे के लिए बाढ़ कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नम्बर – 05498-220857. इस कन्ट्रोल रूम में बाढ़ से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की सूचना दर्ज करवाई जा सकती है.

खतरे की घंटी बजा चुकी गंगा फुल फॉर्म में

जलस्तर में बढ़ोत्तरी की रफ्तार यदि यूं ही बनी रही तो गंगा जल्द ही लाल निशान को पार कर जाएगी. गंगा में बढ़ाव के चलते चौबेछपरा गांव के सामने धसका कटान भी शुरू हो चुका है. इसके भय से चौबेछपरा के लोग अपने ही हाथों न सिर्फ आशियानों पर हथौड़ा चला रहे है, बल्कि सुरक्षित ठौर की तलाश में भी जुटे हैं. लेकिन प्रशासन अब भी कुंभकर्णी नींद से नहीं जग सका है.

गंगा नदी में डूबने से किशोर की मौत 

रेवती थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर मुनि छपरा निवासी सुरेंद्र तिवारी का 12 वर्षीय पुत्र दीपक तिवारी की गंगा में डूबने से मौत हो गई. वह हल्दी थाना क्षेत्र के गंगापुर निवासी भुवनेश्वर चौबे के यहां आया हुआ था. सोमवार को गंगा नदी में नहाते समय वह गहरे पानी में चला गया

गंगा के लिए नगवा और ओझवलिया से शंखनाद

नगवा से कृष्णकांत पाठक गंगा भारत की पहचान है. सदियों से गंगा हमारे देश को अपने निर्मल एवं शुद्ध जल से सींच रही है. हमारी पेयजल, सिंचाई, तीर्थाटन सरीखी जरूरतों को पूरा कर रही …