बलिया. आपका मित्र हो या ना हो. यदि आप अकेले हैं तो पुस्तकों से मित्रता कीजिए. यह आपकी सच्ची मित्र, मार्गदर्शक व सफल जीवन की आधार हैं. इसे आत्मसात करने से वैचारिक निखार भी आता है. यहां आकर मैं बच्चों के प्रेम व सम्मान से अभिभूत हूं. उक्त बातें शहर के अगरसंडा स्थित सनबीम स्कूल में पुस्तकालय उद्घाटन व दीप प्रज्वलन के बाद जननायक चंद्रशेखर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. कल्पलता पांडे बतौर मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहीं.
विशिष्ट अतिथि डॉक्टर प्रतिमा त्रिपाठी पूर्व प्राचार्य सतीश चंद्र कॉलेज बलिया ने सनबीम पुस्तकालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसका नाम ‘नालंदा पुस्तकालय’ रखना सर्वथा तर्कसंगत है. जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जनार्दन राय ने प्रबंध तंत्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुस्तकालय के मामले में यह विद्यालय जनपद में शीर्ष स्थान रखता है. राष्ट्रीय पांडुलिपि पाण्डुलिपि संरक्षण मिशन के जिला समन्वयक साहित्यकार शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने कहा कि सीबीएससी बोर्ड से संचालित सनबीम स्कूल में भारतीय संस्कृति संस्कार के साथ शैक्षिक सरोकारों के प्रति समर्पण अनुकरणीय है. साहित्यकार डाॅ भोला प्रसाद आग्नेय, रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने भी अपने विचार रखे.
विद्यालय के निदेशक व साहित्य प्रेमी डॉ कुंवर अरुण सिंह ने कहा कि विद्यालय जन सरोकारों की भी भावना रखता है. यह पुस्तकालय रविवार के दिन अभिभावकों के लिए भी खुला रहता है. वे आकर अपने रुचि की पुस्तकें पढ़ सकते हैं. विद्यालय प्रशासन द्वारा अतिथियों को शाल , पुस्तक व बुके देकर सम्मानित किया गया.
विद्यालय के अध्यक्ष संजय कुमार पांडे व सचिव अरुण कुमार सिंह ने पुस्तकालय की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना करने का भी आश्वासन दिया.
(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)