एक डाकघर ऐसा, जहां बिना बकझक काम नहीं होता

रसड़ा (बलिया) | स्थानीय प्रधान डाक घर के कर्मचारियो के मनमाने रवैया से आम जन मानस के साथ साथ खाता धारकों को भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

खाता खुलवाने के साथ साथ पैसा जमा करने तथा निकालने में कर्मचारियो एवं ग्राहकों के बीच आये दिन बकझक होती रहती है. कर्मचारियो का मनमानी का  आलम यह है कि खाता खुलवाने के लिए सुविधा शुल्क दीजिये और तत्काल खाता खुलवाये नहीं तो हफ्ते या महीनो इन्तजार कीजिए. नगर के शंकर राम का हाता ठाकुर बाड़ी निवासी पूनम गुप्ता पत्नी राजेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि उन्होंने डाक घर में खाता खुलवाने का फ़ार्म जमा किया है. उनका खाता अभी तक नहीं खुला है, जबकि मेरे पीछे फ़ार्म जमा करने वालो को सुविधा शुल्क ले कर खाता खोल दिया गया है. इसी तरह डाक कर्मी ग्राहकों से पैसा लेन देन करने में भी आनाकानी कर रहे हैं. अतरसुआ निवासी पत्रकार रमाकान्त सिंह का खाता दुरुस्त करने को कहने पर उनसे कर्मचारी उलझ गया. इस डाक घर के हरेक कर्मचारी अपने आप को अधिकारी समझ कर कार्य करने से जहां आम ग्राहकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तथा हमेशा ही कर्मचारियो एवम ग्राहकों के बीच किचकिच होती है.

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