बलिया लाइव न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। सोडोमी (गुदा मैथुन) का आरोपी बीएचयू का लैब अटेंडेंट गिरफ्तार कर लिया गया है. चार लोगों के साथ मिलकर छात्र के यौन शोषण करने का आरोप है. बलिया के छात्र ने आरोप लगाया था कि दीपक शर्मा ने चार साथियों के साथ मिलकर 13 अगस्त को उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया और सिगरेट से भी जलाया. अब पुलिस बाकी आरोपितों की गिरफ्तारी में भी जुटी है.
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मेडिकल जांच में आरोपों की पुष्टि नहीं
लंका थाने के एसएचओ संजीव मिश्रा के मुताबिक छात्र की शिकायत पर पांच लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. मिश्रा ने बताया कि हालांकि दो बार पीड़ित की मेडिकल जांच हुई है, मगर उसके दावे की पुष्टि नहीं हुई है.
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विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी को निलंबित किया
वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के एक जूनियर लैब अटेंडेंट को सोडोमी (गुदा मैथून) के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. विश्वविद्यालय के एमए, हिन्दी (प्रथम वर्ष) के एक छात्र ने आरोप लगाया है कि दीपक शर्मा ने चार अन्य लोगों के साथ मिलकर उसके संग यौन दुराचार किया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी को सेवा से निलंबित कर दिया है.
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तीन सितंबर को रिपोर्ट पेश करेगी जांच कमेटी
बीएचयू के जन संपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि जब घटना हुई थी वाइस चांसलर गिरीश चंद्र त्रिपाठी शहर से बाहर थे. लौटने के बाद उन्होंने पीड़ित से बात की और जांच कमेटी बनाने का फैसला किया. जांच कमेटी के मुखिया मेडिसिन एंड साइंस विभाग के प्रमुख जय प्रकाश ओझा होंगे. जांच कमेटी तीन सितंबर को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी.
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प्रधानमंत्री से शिकायत करेगा पीड़ित छात्र
बलिया जिले के मूल निवासी छात्र ने कहा है कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसकी मदद नहीं कि वो वो प्रधानमंत्री कार्यलाय से मदद की गुहार करेगा. छात्र ने कहा, मैंने कल्पना भी नहीं की थी भारत के सबसे अच्छे विश्वविद्यालय माने जाने वाले संस्थान में ऐसी घटना हो सकती है.
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शराब पिलाकर चलती कार में यौन दुराचार की शिकायत
एफआईआर के अनुसार पीड़ित को शराब पीने के लिए मजबूर किया गया और चलती कार में उसके संग यौन दुराचार किया गया. आरोपियों ने घटना के बाद पीड़ित को विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के करीब गाड़ी से उतार दिया. पीड़ित छात्र का आरोप है कि उसने घटना के तत्काल बाद पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके मामले की जानकारी देते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर चार दिन बाद एफआईआर दर्ज की. बीएचूय के छात्रों की माने तो पीड़ित पर मामला वापस लेने का जबरदस्त दबाव था.
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