शार्ट सर्किट से लगी आग में मासूम संग विवाहिता जिंदा जल गई

बिजली के केबल से लगी आग, छह घरों का सबकुछ स्‍वाहा

सिताबदियारा से लवकुश सिंह

रिविलगंज थाना क्षेत्र की सीमा अंतर्गत सिताबदियारा के रावल टोला में रविवार की रात बिजली की केबल शार्ट होकर लगी आग में एक मासूम संग विवाहिता जिंदा ही जल गई. लोग उसे अस्‍पताल ले जाते, उससे पहले घटना स्‍थल पर ही दोनों की मौत हो गई. इस घटना में एक 80 वर्षीय वृद्ध महिला भी बुरी तरह झुलस गई है, जिसकी स्थिति भी गंभीर बनी हुई है, वह महिला मृत विवाहिता की सास बताई जा रही है. यह आग रात को 9:30 बजे लगी. इसमें कुल छह लोगों की रिहायशी झोपड़ियों सहित कुछ भी नहीं बच पाया है.

जानकारी के मुताबिक सिताबदियारा के रावल टोला निवासी रामजी चौधरी के घर के सभी लोग रात को खाना खाने के बाद सोने के लिए बिछावन पर गए ही थे कि उनकी यहां की बिजली की केबल शार्ट सर्किट होकर आग झोपड़ी को पकड़ ली. घर के अंदर के लोगों को आग का पता तो तब चला, जब उनकी झोपड़ी के बाहर चारों ओर से आग की लपटें तेजी से उठनले लगी. उसी घर के अंदर रामजी की पत्‍नी प्रमिला देवी अपने पांच वर्ष के पुत्र बलिराम के सांथ सोई हुई थी. वह आग देख घर से बाहर निकल भगने का प्रयास जरूर की, किंतु नीयति को कुछ और ही मंजूर था. भागने के क्रम में ही वह झोपड़ी में फंस गई और मां-बेटे की घटना स्‍थल पर ही मौत हो गई.

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE         

शोर सुन तुरंत गांव के लोग भी भरी तदाद में मौके पर पहुंचे और काफी मशक्‍कत से आग को काबू में करने का प्रयास करने लगे. घर के अंदर से बाकी बचे परिवार के लोगों को भी बारी-बारी से निकाला गया. डेढ़ घंटे के बाद किसी तरह लोग आग नरम कर पाए. वहीं इस घटना में रामजी चौधरी के अलावा वृंदा चौधरी, रामसुंदरी देवी, राजबिहारी चौधरी, शंभू चौधरी, रामानंद चौधरी आदि की झोपड़ियां और उसके अंदर रखे अनाज, गहने, व अन्‍य इस्‍तेमाल के समान पूरी तरह जल कर राख हो गए.

रावल टोला में आग की घटना में एक 80 वर्ष की वृद्धा रामसुंदरी देवी भी बुरी तरह झुलस गई हैं. घर के अंदर से निकालते वक्‍त वह बुरी तरह आग का शिकार हो गई. वह भी प्रमिला देवी की सास हैं. वैसे गांव के लोगों द्वारा उनका उपचार गांव में ही कराया जा रहा है, किंतु हालात उनके भी काफी गंभीर बताए जा रहे हैं.

फिर सब खत्‍म होने के बाद ही पहुंचा दमकल

आग की घटनाओं में कभी भी यह सुनने को नहीं मिला कि अग्निशमन दस्‍ता समय से पहुंच कर आग को काबू में कर लिया. खासकर सिताबदियारा की घटनाओं में तो कभी नहीं. रावल टोला की घटना में भी वहीं हुआ. यहां आग 9:30 बजे रात को लगी थी, किंतु दमकल 11:30 बजे यानि दो घंटे बाद तब पुहंचा, जब गांव के लोग खुद से आग को शांत कर चुके थे.

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE