गाजीपुर। गाजीपुर वाराणसी सीमा को विभक्त करने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 29 पर सिधौना स्थित गोमती पुल की जिम्मेदारी लेने से प्रदेश व केंद्र सरकार ने इंकार कर दिया है, जबकि यह पूल बुरी तरह से जर्जर हो गया है. इसके चलते अब तक कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रजभूषण दूबे ने अगस्त माह में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राज्यपाल को मेल कर सचित्र जानकारी दी थी.
एनएच 29 पर सिधौना के पास गोमती नदी पर बना पुल काफी जर्जर हो चुका है, कभी भी दुर्घटना हो सकती है. मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर श्री दुबे की शिकायत दर्ज कर एक माह बाद सेतु निर्माण निगम एवं सेतु निगम विभाग की ओर से बताया गया कि यह पुल प्रदेश सरकार के अधीन नहीं आता. जनसुनवाई के निस्तारण की प्रति संलग्न करते हुए ब्रजभूषण दूबे द्वारा पूरा मामला प्रधानमंत्री के पोर्टल PMOPG/E /2016 /0346284 पर दर्ज कर पुल के जीर्णोद्धार का अनुरोध किया गया. शिकायत का रजिस्ट्रेशन करने के बाद पीएमओ इंडिया के पोर्टल से यह कहते हुए कि यह पुल प्रदेश सरकार के अधीन है, मुख्यमंत्री के उपसचिव जवाहर लाल को स्थानान्तरित कर दिया गया है.
श्री दुबे व उनके सहयोगियो ने पीएमओ, केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, प्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्य सचिव आदि को ट्वीट कर पुल बनवाने का अनुरोध किया है. साथ ही यह जानना चाहा है कि इस पुल की वास्तविक जिम्मेदारी है किसकी. कौन लेगा सिधौना के जर्जर पुल की जिम्मेदारी. समग्र विकास इंडिया के व्याख्याता गुल्लू सिंह यादव ने कहा कि दोनों सरकारें पारदर्शिता, डिजिटल इण्डिया, परिवर्तन विकास का नारा देते हुए थक नहीं रही है. वहीं बौद्ध परिपथ पर प्रतिपल खतरा का सबब बनने से भाग रही है, जिस पर हम चुप नहीं बैठेंगे.