

जौनपुर। श्रमजीवी विस्फोट कांड के बांग्लादेशी ओबैदुर्रहमान उर्फ बाबू को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही 10 लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. एडीशनल सेशन जज फर्स्ट बुधिराम यादव ने यह फैसला सुनाया है.
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इस मामले में मुख्य आरोपी मो. आलमगीर उर्फ रोनी को फांसी की सजा पहले ही सुनाई जा चुकी है, जिसकी अपील उसने हाईकोर्ट में की है. मालूम हो कि सिंगरामऊ स्टेशन के पास हरपालगंज रेलवे क्रॉसिंग पर 28 जुलाई 2005 को श्रमजीवी एक्सप्रेस में बम विस्फोट हुआ था.
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श्रमजीवी विस्फोट कांड के दूसरे आरोपी ओबैदुर्रहमान को 9 मई 2006 को मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) के बहरामपुर जेल से जौनपुर लाया गया था. उसे बिना वीजा, पासपोर्ट के बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने तथा विस्फोटक बनाने का भी आरोपी पाया गया. ओबैदुर्रहमान के विरुद्ध अभियोजन पक्ष ने आरोपी याहिया के साथ बम बनाने का आरोप लगाया है. आरोपी लश्कर-ए-तय्यबा व आईएसआई के लिए काम करता था.
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