बाहरी व भीतरी का नारा लगाने के बावजूद संजय यादव जीते

सिकंदरपुर (बलिया) से संतोष शर्मा

विधानसभा क्षेत्र सिकंदरपुर के पिछले पांच चुनाव का परिणाम व सरकार बनने का मिथक इस बार भी नहीं टूटा. 1993 के चुनाव से ही मिथक रहा है कि इस विधानसभा क्षेत्र से जिस दल का प्रत्याशी जीता है, प्रदेश में उसी पार्टी की सरकार बनी है. 1993 में सपा प्रत्याशी दीनानाथ चौधरी के सर पर जीत का सेहरा बंधा तो उसी पार्टी की सरकार बनी.

1996 में भाजपा समता पार्टी गठबंधन प्रत्याशी राजधारी की जीत हुई तो गठबंधन की सरकार बनी. 2002 के चुनाव में सपा प्रत्याशी मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी ने जीत का वरण किया तो प्रदेश में सपा की सरकार बनी. इसी प्रकार 2007 में बसपा प्रत्याशी भगवान पाठक ने जीत हासिल किया और उसी पार्टी की सरकार बनी. 2012 के चुनाव में सपा प्रत्याशी मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी के जीतने पर पुनः सपा की सरकार बनी. 2017 का चुनाव परिणाम सरकार बनने की स्थिति पूर्व की ही भांति बरकरार रही. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संजय यादव जीत दर्ज कर प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने में सहायक बने.

विधानसभा क्षेत्र सिकंदरपुर का इतिहास रहा है कि आजादी के बाद 2012 के चुनाव तक यहां से जनसंघ/ भाजपा का कोई प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर सका था, जबकि जंनसंघ व भाजपा के गठन के बाद से एक चुनाव को छोड़कर प्रायः सभी चुनाव में प्रत्याशी लड़ते चले आ रहे थे. मात्र 1996 में भाजपा समता पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में समता पार्टी के राजधारी ने जीत हासिल किया था. 2017 के चुनाव में बाहरी व भीतरी का नारा लगाने के बावजूद संजय यादव ने जीत हासिल कर इस सीट को पहली बार भाजपा की झोली में डाल रिकॉर्ड कायम किया है.

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