सिकंदरपुर (बलिया)। राजनीति में अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए. आज जिस तरह से सिकंदरपुर की सपा द्वारा आयोजित रैली में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है. उसका जवाब जनता उत्तर प्रदेश के चुनाव में दे देगी. अब वह खुद मान चुके हैं कि हम बुड्ढे हो गए हैं. तेजस्वी प्रचार की कमान संभाल रहा है और वह यूपी में प्रचार कर रहे हैं. उक्त बातें बुधवार को भाजपा नेता रवि राय के आवास पर पत्र प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा.
बताया कि प्रदेश में भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है. संजय यादव की पूरी डिवीजन में भारी मतों से जीत होने जा रही है. पीएम व सीएम जब तक एक पार्टी का नहीं होगा, तभी प्रदेश का चौमुखी विकास नहीं होगा. कांग्रेस पूरी तरह से एक हार मानी हुई टीम की तरह काम कर रही है. विरोधी जितना प्रधानमंत्री को गाली देंगे जनता और उतना ही उनको करारा जवाब देगी. उत्तर प्रदेश तरक्की करेगा तो देश तरक्की करेगा. विकास व सुशासन के नाम पर हम लोग वोट मांग रहे हैं. विकसित देश विकास करेगा. उत्तर प्रदेश इस पर वोट मांग रहे हैं. कांग्रेस को डूबता जहाज बताया. कहा कि कांग्रेस तो डूबेगी ही, सपा को भी साथ ले डूबेगी. जीतेगा वही, जो सबका होगा.
लालू यादव द्वारा भाजपा प्रत्याशी संजय यादव को बाहरी बताएं जाने के सवाल पर कहा कि संजय यादव बांग्लादेश से नहीं आए हैं. हम केवल बांग्लादेशी को ही बाहरी मानते हैं. हम तो बहुत से लोगों को गले भी लगा लिया. संजय यादव न बाहरी है न बिहारी हैं. लालू यादव अपने दोनों बेटों तेजस्वी व तेज प्रताप को गोपालगंज से चुनाव क्यों नही लड़ाए. एक को छपरा तो दूसरे को मधेपुरा से चुनाव लड़ाया. वहीं अपने पत्नी और बेटी को भी अलग जगह से चुनाव लड़ाते हैं. बीते लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह भी आजमगढ़ से चुनाव लड़ चुके हैं. क्या वह बाहरी नहीं थे.
लालू यादव अपने रिश्तेदारों की हार को देखते हुए घबराहट ने बोल रहे हैं. उनको मालूम है कि संजय यादव तेज हैं और वह चुनाव जीतेगा तो पूरे प्रदेश में यादव समाज को जोड़ने का काम करेगा. जिसके कारण लालू के रिश्तेदार कमजोर होंगे और वह ऐसा नहीं देखना चाहते हैं. इसीलिए घबड़ाहट में बयान बाजी कर रहे हैं. इस मौके पर चेयरमैन प्रतिनिधि संजय जायसवाल, अनिल बर्नवाल, प्रमोद गुप्ता, ओंकार चंद सोनी, मिठाई लाल राजभर आदि मौजूद थे.