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बैरिया (बलिया)। न्यायालय के बरामदे में बैठी अपनी पत्नी के सामने आकर वह तीन तलाक बोला और चलते बना. पीड़िता जब चीखने चिल्लाने लगी तो परिजन मौके पर पहुंचे, मगर वह नदारद था. इसके बाद पीड़िता एफआईआर दर्ज करवाने के लिए अपने पिता और भाई के साथ जूते घिस रही है. पीड़िता का दावा है कि इस घटना के चार महीने बाद भी पुलिस ने शासन की मंशा के मुताबिक उसे न्याय दिलवाने के लिए कोई कारगर पहल नहीं की है. इससे पहले भी उसे दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए कोर्ट की शरण में जाना पड़ा था.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुस्लिम बेटियों को न्याय दिलाने के लिए बार-बार घोषणा कर रहे हैं. फिर मेरी गुजारिश क्यों नहीं सुनी जा रही है.
– नुसरत बानो (पीड़िता), निवासी बैरिया फाटक, बैरिया, बलिया
मामला बैरिया थाना क्षेत्र के बैरिया फाटक निवासी अशरफ हुसैन की पुत्री नुसरत बानो का है. नुसरत का निकाह उसके पिता की मौजूदगी में वाराणसी के अंबिया मंडी निवासी दिलशाद अहमद पुत्र निजामुद्दीन के साथ बीते साल मुस्लिम रीति-रिवाज के साथ हुआ था. आरोप है कि ससुराल में नुसरत बानो को दहेज के लिए परेशान किया जाता था. ससुराल वाले खुद पैसा न मांगकर नुसरत बानो को जरिया बनाते थे. नुसरत से पहले तीन लाख नगदी की डिमांड की गई. मगर पिता की माली देखते हुए पहले तो उसकी हिम्मत नहीं पड़ी. जब बहुत ज्यादा तंग किया जाने लगा तो नुसरत ने अपने पिता और भाई से कहकर किसी तरह जुटा कर ससुरालियों की डिमांड पूरी की.
इसके बाद तीन चार महीने तक मामला ठंडा रहा. नुसरत की माने तो उसे इसके बाद फिर प्रताड़ित किया जाने लगा. इस बार उसने साफ इंकार कर दिया और दहेज उत्पीड़न का आवेदन लेकर वह सीधे कोर्ट का दरवाजा खटखटाई. बलिया न्यायालय के आदेश पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज हुआ. 25 मई 2019 को इस मामले की सुनवाई होनी थी. दोनों पक्ष बलिया न्यायाल में उपस्थित हुए. नुसरत बानो उस समय न्यायालय के बरामदे में बैठी हुई थी. इसी दौरान उसका पति दिलशाद अहमद झटके से उसके सामने आया और तलाक, तलाक, तलाक कहकर वहां से चल दिया.
नुसरत बानो के रोने-चिल्लाने पर उसके भाई व पिता वहां पहुंचे, तो वह पूरी बात बताई. इसके बाद उसका पति दिलशाद अहमद को काफी खोजा गया, किंतु उसका कहीं पता नहीं चल सका. इस मामले को लेकर नुसरत बानो और उसके पिता अशरफ हुसैन तीन तलाक अधिनियम का मुकदमा दर्ज करवाने के लिए बैरिया थाने का चक्कर लगा रहे हैं. हालांकि कोई पुरसाहाल नहीं है.
मामले की पड़ताल की जा रही है, जांच पूरी होते ही एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
– संजय त्रिपाठी, एसएचओ, बैरिया, बलिया