रसड़ा (बलिया)| स्थानीय रोडवेज बस अड्डा अपनी बदहाली पर आंसू बहाने पर विवश है. रोजवेज परिसर में सुविधाओं का टोटा है, वहीं परिसर में गंदगी का साम्राज्य स्वच्छ भारत मिशन भारत पर मुंह चिढ़ा रहा है. परिसर में स्थापित मात्र एक रूम है, जहां के कर्मचारी महोदय नदारद ही रहते हैं.
रोडवेज बसें अन्दर न जाकर बाहर ही सड़क पर यात्रियों को उतारते एवं चढ़ाती हैं. बसें कब आयेगी कब जायेंगी कोई बताने वाला नहीं है. यात्री भी स्टेशन के अन्दर न जाकर सड़क पर ही बसों को आने जाने का इन्तजार करते हैं. स्टेशन परिसर में गंदगी का साम्राज्य है. देर शाम होते ही सुनसान एवं अन्धेरा होने के कारण असमाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह जाता है.
इस स्टेशन को डिपो बनाना तो दूर स्टेशन की मूलभूत सुविधा भी नहीं मिल पा रही है, जबकि इस स्टेशन को डिपो बनाने की कवायद शुरू की गयी जो ठन्डे बस्ते में चली गयी है. जनपद में दूसरा ऐसा स्टेशन है, जहां से सबसे ज्यादा यात्री सफर करते है. जिससे राजस्व की भी भारी मुनाफ़ा होता है. देखना है कि स्टेशन के कब दिन बहुरेगें ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा. क्षेत्र वासियो ने रोडवेज बस स्टाफ के सफाई के साथ साथ सरकारी सुविधाओं के लिये ध्यान सम्बंधित अधिकारियों आकृष्ट कराया है.