
अपराध और घटना रोकने के लिए हो ठोस पहल-कृष्ण कान्त
दुबहड़(बलिया)। बीते गुरुवार के दिन कुशीनगर जिले में रेलवे क्रासिंग के पास स्कूली वाहन के टकरा जाने से जिस प्रकार तेरह मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जिस पर भारत के प्रधानमंत्री सहित उत्तर प्रदेश के राज्यपाल मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर अपनी संवेदना प्रकट की है. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंगल पांडे विचार मंच के अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक ने शुक्रवार के दिन पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश के जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग केवल घटनाओं पर संवेदना प्रकट करके ही अपनी जिम्मेदारी का इतिश्री कर लेंगे तो देश का भला कैसे होगा?
कहा कि आये दिन दुर्घटनाओं के साथ पूरे देश में नाबालिग बच्चियों के साथ जिस तरीके से दुष्कर्म की घटनाएं भी प्रकाश में आ रही हैं. इसमें भी कहीं ना कहीं प्रशासनिक लापरवाही भी नजर आती है.
कहा कि केवल कानून बना देने से अपराधिक घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता. क्योंकि कानून का पालन कराने के लिए नौकरशाही पर नियंत्रण भी आवश्यक है. उन्होंने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से जंग कर रहे उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करते हुए कहा कि जो लोग अपनी जान हथेली पर लेकर अंग्रेजों से लड़ते रहे उन्हें पूरी उम्र सुरक्षा की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी. जबकि अब देश आजाद हो गया है, और अपने ही देश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार के नुमाइंदों को भारी सुरक्षा के घेरे में रहना पड़ रहा है. कहा कि देश की सेवा करने वालों को सुरक्षा की क्या जरूरत. उन्होंने पूरे भारत के विधानसभाओं तथा राज्यसभा से लेकर लोकसभा तथा विभिन्न लोकतांत्रिक संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में लगे सिपाहियों में से कटौती करते हुए नेताओं के वॉइ श्रेणी और जेड श्रेणी की सुरक्षा को कम करते हुए उन सिपाहियों को देश की सुरक्षा करने के लिए तैनात किए जाने की मांग की. ताकि कहीं किसी नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म जैसी अपराधिक घटनाएं घटित न हो. कहा कि जितनी फौज आज राजनेताओं के सुरक्षा में घूम रही है. उसका आधा भी देशवासियों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक जिलों में तैनात कर दिया जाए, तो काफी हद तक अपराध पर अंकुश लग जाएगा. क्योंकि इन लोगों को वेतन भी जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे से ही दिया जाता है. जो दिन-रात देश की सेवा करने के बजाय राजनेताओं की सुरक्षा तथा उनकी सेवा करने में लगे रहते हैं.