रसड़ा (बलिया)। श्रावण के पवित्र महीने के आते ही शिवभक्तों में जहां भारी उत्साह और उमंग का माहौल है, वहीं क्षेत्र के शिवालयों व देवालयों पर तैयारियां भी जोरों पर की जा रही है. इस क्रम में मंदिरों की साफ-सफाई, रंगाई, पुताई व मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है. दूसरी ओर प्रसिद्ध बैजनाथ धाम देवघर बाबा को जलाभिषेक हेतु जाने वाले कावरियों द्वारा अपने वस्त्र, कांवर आदि बनाने में तल्लीन दिख रहे है.
10 जुलाई सोमवार से प्रारंभ होने वाले श्रावण मास के मद्देनजर लखनेश्वरडीह स्थित प्राचीन शिवमंदिर पर इस बार आयोजित होने वाले विशेष अनुष्ठान, दुग्धाभिषेक, एक महीने तक चलने वाले संकीर्तन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं इसी मंदिर के समीपस्थ प्राचीन श्रीहरि विष्णु भगवान के मंदिर, रसड़ा कस्बा श्रीनाथ बाबा मठ स्थित शिवमंदिर, उत्तर पट्टी, स्टेशन रोड, रेलवे स्टेशन, देवस्थली संवरा, रामनगर, कुकुरहां आदि स्थानों पर स्थित शिवमंदिरों के अलावा अन्य देवी देवताओं के मंदिरों की साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है.
इस बार श्रावण मास में पड़ेंगे पांच सोमवार
इस बार संयोगवश श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ के प्रिय व उनके पूजा के लिये सबसे सर्वोत्तम दिन सोमवार इस बार पांच बार पड़ेंगे. और यह पवित्र महीना सोमवार से प्रारंभ होकर सोमवार को ही समाप्त हो रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भूतभावन भगवान शंकर भक्तों पर विशेष कृपा बरसाने वाली है, क्योंकि उन्होंने भक्तों को एक अतिरिक्त सोमवारी प्रदान कर उन्हें अपनी आराधना करने का मौका दिया है. श्रद्धालुओं का मानना है कि श्रावण मास में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा आराधना करने से लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. चूंकि इस मान्यता के पीछे ऐसा माना जाता है कि देवाधिदेव भगवान शंकर का जलाभिषेक करने से उनके गले में स्थित विष का प्रभाव ठंडा होता है और वे लोक कल्याण के प्रति उन्मुख हो जाते है.