पीएचसी ईसार पीठापट्टी रोल माडल बना ग्राम्यांचलों के स्वास्थ्य सेवा का, देखें दुर्दशा

अजी शहर को छोड़ें, देख लें गांव के अस्पताल का नमूना

सिकंदरपुर (बलिया)। ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है. इसके लिए सरकार द्वारा कई महात्वाकांक्षी योजनाएं भी संचालित की जा रही है. बावजूद इसके अधिकतर ग्रामीण सरकारी स्वास्थ्य सेवा से वंचित हैं. मौसमी बीमारियों ने लोगों को जकड़ लिया है. सर्दी, बुखार, खांसी, सहित अन्य बीमारियों से लोग ग्रस्त हैं. नगरीय क्षेत्रों में तो रोगी जैसे-तैसे राजकीय स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पा जाते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की हालत बद से बदतर है.

कहने को तो गिने चुने ग्राम सभाओं में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं. लेकिन उनमें से अधिकतर पर ताले लटके रहते हैं. जबकि जो केंद्र खुलते हैं, उनमें ना तो चिकित्सक मिलते हैं, और ना ही रोगियों के लिए दवा उपलब्ध रहती है. ग्रामीणों में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

बताते चलें हैं कि गंभीर बीमारियों की दशा में अधिकतर लोग शहरों की ओर भागते हैं. लेकिन मौसमी बीमारियों का उपचार गांव में ही कराना चाहते हैं. गांव में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में मजबूरन रोगियों को नीम-हकीमों के सेवाय लेनी पड़ती है. यही कारण है कि जगह जगह दुकान खोलकर बैठे झोलाछाप चिकित्सकों की पौ बारह है. फर्जी डिग्री धारक चिकित्सक भी शहरों की अपेक्षा गांव में खुद को अधिक सुरक्षित समझते हैं. सरकार के लाख प्रयास के बावजूद भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई खास लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सरकार के निर्देश पर ईसार पीठापट्टी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना कराई गई थी. जिससे ग्रामीण स्तर के लोगों को प्राथमिक स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को छोटे-छोटे उपचार को लेकर कही बाहर नहीं जाना पड़े. सरकार के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्र को लेकर भवन आदि का निर्माण भी कराया गया. भवन निर्माण होने के उपरांत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा रोगों का उपचार आदि भी किया जाता रहा. लेकिन धीरे-धीरे यहां से चिकित्सकों का आवागमन सप्ताहिक होने लगा. आज ये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एक फार्मासिस्ट, एक वार्ड ब्याय, एक स्वीपर कम चपरासी के भरोसे रह गया है.
रखरखाव व देखभाल के अभाव में स्वास्थ्य केंद्र बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है. जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं होता है. यहां तैनात सरकारी कर्मचारियों को पीने के पानी के लिए गांव में जाना पड़ता है. इस अस्पताल में बिजली की व्यवस्था भी नही है. जबकि यहां पानी की टंकी लगी है. नतीजा है कि ईसार पीथापट्टी ग्राम पंचायत में बनाया गया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अतिक्रमण का शिकार बन के रह गया है. स्वास्थ्य केंद्रों में व्याप्त अव्यवस्था पर समाजसेवी बलिराम सिंह, उग्रसेन कुमार सिंह, नमो नारायण, शिवचंद्र राम, अशोक वर्मा, कल्पनाथ वर्मा ग्राम प्रधान, अमरनाथ राजभर, सुरेंद्र चौहान, सहित दर्जनों लोगों का कहना है कि यह स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह से सुविधाविहीन होकर रह गया है. जबकि यह इलाका पूरी तरह से पिछड़ा और गरीबों का क्षेत्र है.