गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए जनसहभागिता जरूरी: डीएम

कीनाराम घाट पर गोष्ठी में बोले डीएम

हरिशंकरी का पौधा लगाकर हरीतिमा अभियान की शुरूआत की
बलिया। जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने कहा कि गंगा के प्रदूषण को दूर करने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. लेकिन बिना जनसमुदाय की सहभागिता के गंगा को निर्मल व स्वच्छ बनाया जाना सम्भव नहीं है. उन्होंने सभी से अपील किया कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं और उसके संरक्षण में भी योगदान दें.


बुधवार को गंगा नदी के कीनाराम घाट पर गंगा हरीतिमा अभियान के तहत आयोजित गोष्ठी में जिलाधिकारी ने ये बातें कही. उन्होंने गंगा किनारे पर हरशंकरी (पाकड़, पीपल, बरगद) का पौधा लगाकर इसकी शुरूआत की. साथ ही वहां उपस्थित किसान व अन्य जनसमुदाय से गंगा किनारे अपने खेतों के मेढ़ पर बबुल व अन्य फलदार पौधे लगाकर हरियाली लाने की अपील की. गोष्ठी में जिलाधिकारी ने गंगा हरीतिमा अभियान व वृक्षारोपण के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. कहा कि भारतीय संस्कृति व सभ्यता के मूल कहीं न कहीं गंगा से जुड़े हुए हैं. जनसंख्या की वृद्धि से पर्यावरण, प्रदूषण व गंगा की दुर्दशा बढ़ी है. इसको कम करना मानव जीवन के लिए बहुत जरूरी हो गया है. जीवनदायिनी गंगा को हरहाल में सुरक्षित रखना है.

खेतों की मेढ़ पर किसान लगाएं पौधे

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जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने कहा कि सरकार की मंशा है गंगा के दोनों किनारों पर एक किलोमीटर की परिधि में वृहद वृक्षारोपण किया जाए. लेकिन किनारे पर ज्यादातर जमीन किसानों की है. इसलिए किसानों को प्रेरित व जागरूक करने की जरूरत है. कहा कि किसान अपने खेतों के मेढ़ पर पौधे लगाएं. इसके कई लाभ हैं. इससे गंगा का वातावरण भी शुद्ध होगा, किसानों की आय बढ़ेगी और बाढ़ के बाद खेतों की मेढ़ भी सुरक्षित रहेंगी. वातावरण को शुद्ध बनाने मानव जीवन की रक्षा के लिए इस पुनीत कार्य में सभी रूचि लें.

इस अवसर पर गंगाभक्त रामदल के निर्मल उपाध्याय ने जिलाधिकारी की इस पहल की सराहना करते हुए ऐसे सभी कार्यक्रम में पूरा सहयोग देने की बात कही.

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