


नरही (बलिया)। नरही थाना गोली कांड की बरसी पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए मुख्य अतिथि भारत सरकार के संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि विनोद राय जैसे कार्यकर्ताओं के बलिदान के बूते ही भारतीय जनता पार्टी ने यह मुकाम पाया है.
विनोद राय जैसे कार्यकर्ता को भारतीय जनता पार्टी की जब तक बुनियाद रहेगी, याद किया जाता रहेगा. कहा कि मौत का कोई मुआवजा नहीं होता. इस सरकार से अपेक्षा पालने वाले लोगों से उन्होंने निवेदन किया एक बहुत बिगड़ी हुई व्यवस्था को सुधारने में भाजपा की सरकार रात-दिन लगी हुई है. थोड़ा सा सब्र करें, फर्क आपको बहुत जल्दी दिखाई देगा.
कार्यक्रम के आयोजक एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेंद्र तिवारी ने कहा कि एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन हुए उस अत्याचारी घटना को याद कर दिल जख्मी जाता है, जब एक निर्दोष को न्याय दिलाने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग थाने के पर धरने पर बैठे हुए थे और अंधेरी रात में शांतिपूर्वक सत्याग्रह कर रहे लोगों पर बर्बर तरीके से लाठियां व गोली बरसाई गई.
इस अवसर पर सांसद भरत सिंह, विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह, अलका राय, पूर्व विधायक भगवान पाठक, राम इकबाल सिंह, पूर्व मंत्री राजधारी सिंह, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विनोद दुबे, गाजीपुर के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, पूर्व अध्यक्ष कृष्ण बिहारी राय, राकेश चौबे भोला, नागेन्द्र पाण्डेय, देवेन्द्र यादव, आनंद राय मुन्ना, प्रमोद राय बब्लू, जितेन्द्र तिवारी, किरण राय, अंजनी राय विनोद पांडे अनूप राय आदि मौजूद रहे.
अध्यक्षता पूर्व जिला अध्यक्ष शेषमणि राय एवं संचालन उपेंद्र पांडेय एवं मुन्ना बहादुर सिंह ने संयुक्त रूप से किया. ग्राम प्रधान नरही बब्बन राय ने समस्त आगंतुकों का आभार प्रकट किया.
और विधायक सुरेंद्र सिंह को करना पड़ा धरना स्थगित करने की घोषणा
नरही थाना गोलीकांड में पुलिसिया अत्याचार के शिकार रहे वर्तमान बैरिया विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह के ओजस्वी भाषण को जनसमूह ने बहुत ही समर्थन दिया. उत्साहित विधायक ने वर्तमान पुलिस अधीक्षक पर निशाना साधते हुए रागिनी हत्याकांड के परिप्रेक्ष्य में उनके स्थानांतरण के लिए 16 अगस्त से धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया.

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मंच पर बैठे मुख्य अतिथि मनोज सिन्हा को यह बात अच्छी नहीं लगी और अपने संबोधन में उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं नेताओं एवं विधायकों को सत्ता में रहकर सत्ता में रहने का आचरण करने का स्पष्ट संदेश दिया एवं विधायक को बताया कि एक एसपी क्या, आप चाहे तो डीजी का भी ट्रांसफर चंद मिनटों में हो सकता है. इसलिए किसी धरने को स्थगित करने की घोषणा करिए, क्योंकि यह सत्ता का आचरण नहीं है और अंततः विधायक को पुलिस अधीक्षक के खिलाफ होने वाले अपने 16 अध्यक्ष अगस्त के धरने को स्थगित करने की घोषणा करनी पड़ी.
क्या था मामला
12 अगस्त 2016 को तत्कालीन भाजपा विधायक उपेंद्र तिवारी को टेढवा के मठिया के चंद्रमा यादव ने बताया कि वह पशुपालन करने के लिए मेले से खरीद कर कुछ गाय लाया था, जिसे पुलिस ने पशु तस्करी हेतु लाने के लिए कह कर थाने उठा ले गई है तथा उसके छोड़ने के एवज में मोटी रकम मांग रही है.
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भाजपा विधायक गडहांचल में ही कार्यकर्ताओं से मिलजुल रहे थे, वह तत्काल थाने पहुंचे और इस गतिविधि का विरोध जताया. थाने पर तैनात उपनिरीक्षक के व्यवहार से नाराज विधायक ने थाने के गेट पर धरना देना प्रारंभ कर दिया. पुलिस और प्रशासन ने रात्रि 10:15 बजे बिना किसी चेतावनी के धरना दे रहे लोगों पर लाठी तथा गोली चलाना शुरू कर दिया. जिसमे भाजपा के कोषाध्यक्ष रहे नरही निवासी विनोद राय की गोली लगने से मौत हो गई.