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बलिया। उत्तर प्रदेश के विधान परिषद के समस्त पंचायत एमएलसी को प्रधान संघ के मंडल अध्यक्ष विमल पाठक ने पत्र लिखकर 14 वें वित्त आयोग की व्यवस्था में बदलाव करने के सरकार के कुचक्र के खिलाफ विधान परिषद में आवाज उठाने की मांग की है.
पत्र में उन्होंने पंचायत एमएलसी से अनुरोध किया है कि सरकार पंचायतो को मात्र रबर स्टैंप बनाना चाहती है. जबकि इसकी पूर्ववर्ती सरकारों ने तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत के विकास एवम उज्जवल भविष्य के लिए पंचायतों के अधिकारों में बढ़ोतरी की कई बार वकालत की.
इसके लिए भारत के संविधान में 73वां संशोधन कर पंचायतों को कई महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए. लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा प्रधानों के अधिकारों में कटौती करने का कुचक्र किया जा रहा है. उससे पंचायत प्रतिनिधि मर्माहत हैं. मंडल अध्यक्ष ने अपने पंचायत के एमएलसी के माध्यम से विधान परिषद में सरकार की इस निर्णय का विरोध करने की मांग की गयी हैं. कहा कि प्रधान लोकतांत्रिक प्रणाली की सबसे निचली इकाई के छोटे जनप्रतिनिधि हैं. जो जनता के बीच में 24 घंटे उपस्थित रहते हैं. जनता के सुख-दुख समझते हैं. गांव के विकास कार्यों के प्रति संजीदा रहते हैं. ऐसे जनप्रतिनिधियों के अधिकारों में कटौती कर विकास की गति को रोकने के बराबर है.
उन्होंने सरकार के इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की भी मांग की. पत्र में बलिया जनपद सहित आजमगढ़ मऊ के सैकड़ों प्रधानों के हस्ताक्षर मौजूद हैं.
बलिया जिले के हर ग्राम पंचायत और प्रधान के उनके कार्यकाल की समीक्षा होनी चाहिए और वो भी गांव के जनता के सामने ये संदेश हर बलिया वासियों के लिए है कृपया इस पर ध्यान रखना है
धन्यवाद