मूंछें हो तो सिताबदियारा के सरल बैठा जैसी

अब राजस्‍थान से दो मीटर पीछे, सरल की मूंछें
सिताबदियारा के सरल बैठा ने पाल रखा है अजीब सा शौक

लवकुश सिंह

इंसान के शौक भी अजीब किस्‍म के होते हैं. अब अगर शौक है तो उसमें सनक भी होगी ही. नाम व प्रसिद्धि पाने के लिए कुछ ऐसा ही शौक चढ़ा है जेपी के गांव सिताबदियारा के अंबिका बैठा उर्फ सरल बैठा पर. मर्दों की शान मानी जाने वाली मूंछ को बढाने का शौक. वह भी एक हांथ, दो हांथ नहीं, बल्कि उतनी जितनी गिनिज बुक आफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में जगह मिल जाए. अंबिका बैठा कहते हैं जब तक ऐसा नहीं हो जाता उनके मुंछों की लंबाई को बढाने का क्रम मरते दम तक यूं ही जारी रहेगा.

अभी के गिनिज बुक आफ वर्ल्‍ड रिकार्डस के अनुसार विश्‍व में सबसे लंबी मूंछ राजस्‍थान के राम सिंह चौहान की है. जिनकी मूंछ की लंबाई 14 फीट यानि 4.29 मीटर दर्ज है. उनकी इसी विशेषता के बल पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राजस्‍थान स्‍टेट टूरिज्‍म ने इन्‍हें अपने से जोड़ा हैं. उन्‍होंने 1982 से अपनी मूंछों को बढ़ाना शुरू किया था. इधर, हम अंबिका बैठा उर्फ सरल बैठा से जब पूछना शरू किए तो बताया कि वे भी एक दशक पूर्व वर्ष 2004 से अपनी मूंछों को बढ़ाने का काम शुरू किए हैं.

एक दशक में एक मीटर पहुंची, एक तरफ की लंबाई

सिताबदियारा के अंबिका बैठा के मुंछों की लंबाई इस एक दशक में अब एक तरफ की 1.25 मीटर पहुंच चुकी है. उनके दोनों तरफ की मूंछों को मिलाने पर मूंछों की लंबाई ढ़ाई मीटर हो जा रही है, जो राजस्‍थान के राम सिंह चौहान की मूंछों से अब लगभग दो मीटर पीछे हैं.

कपड़े की इस्‍त्री से अभिनय तक

सिताबदियारा क्षेत्र के प्रसिद्ध बाजार आलेख टोला में कपड़ा आयरन करने की दुकान चलाने वाले अंबिका बैठा एक कुशल कलाकार भी हैं. चाहे नाटक का मंचन हो या अन्‍य सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, आम लोगों के अनुसार इनके मंच पर आते ही कार्यक्रम में जान आ जाती हैं. अब वे भोजपुरी फिल्‍मों में भी अभिनय करना चाहते हैं. अंबिका बैठा ने बताया कि वर्ष 1971 से पूर्व वे फौज में थे. तब उन्‍होंने 1971 के युद्ध में भी भाग लिया था, किंतु उनका मन कला की ओर भाग रहा था, इसलिए उन्‍होंने फौज की नौकरी छोड़ दी. तब से वे सिताबदियारा में ही जीवन यापन कर रहे हैं.

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