नोटबंदी के 37 दिन बाद भी जनता त्रस्त, अव्यवस्था का आलम

सन्तोष शर्मा (कंट्रिब्यूटिंग एडिटर – बलिया लाइव) 

सिकन्दरपुर (बलिया)। नोट बंदी से संबंधित दूरदर्शन पर प्रसारित समाचारों तथा बैंकिंग कार्य प्रणाली में कहीं से कोई सामंजस्य की स्थिति नहीं होने से जनता जनार्दन क्षुब्ध तथा सशंकित होते नजर आ रही हैं. जन सैलाब का सब्र का बांध दिन प्रतिदिन टुटता दिखाई दे रहा है. आज प्रत्येक व्यक्ति प्रश्न पूछता नजर आ रहा है कि अव्यवस्था का कारण कौन? बैंक या प्रधानमंत्री मोदी की नोट बंदी की अव्यवस्था.

निश्चित ही हर सामान्य गरीब तबका आज सोचने पर मजबूर है कि बैंकिंग कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण इस तरह की अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है. जिसे अव्यवस्था, घूसखोरी तथा बेजुबानी व्यवस्था को मोदी नीतियां समाप्त करने की जी तोड़ कोशिश कर रही हैं. उसे हमारे ही बीच के बिचौलियों व मुनाफा खोरों के द्वारा सभी नियमों को ताक पर रखकर तार-तार करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है. नोट बंदी के 37 दिन बीतने के बाद भी लोगों की परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही है.

प्रधानमंत्री के द्वारा 50 दिन की मोहलत लेने के बाद भी बैंक के कर्मचारियों अधिकारियों की लापरवाही से यह नोट बंदी से परेशान लोगों की परेशानी कम नहीं हो पाई. लोगों का कहना है कि प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री बैंकों में प्रतिदिन कितना पैसा आ रहा हैं और कितने ग्राहकों में बांटे जा रहे हैं. इसका भी ब्योरा अगर लें तो बैंक कर्मचारियों की कालाबाजारी और सामने प्रकट हो जाएगी. ग्राहकों का यह भी कहना है कि सफेद पोश या दबंग किस्म के लोगों का पैसा तुरंत बदलने के साथ निकासी भी अपने मनमाने तरीके से किए जा रहे हैं, लेकिन इसमें गरीब जनता काफी परेशान हैं.

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सरकार के नियम के अनुसार सेविंग अकाउंट से 24 हजार रुपये प्रति सप्ताह व करेंट अकाउंट से 50,000 रुपये प्रति सप्ताह ले सकते हैं लेकिन सिकंदरपुर क्षेत्र के विभिन्न बैंकों मैं केवल ग्राहकों को 2000 से 4000 रुपये तक ही दिए जा रहे हैं. हालांकि सिकंदरपुर एचडीएफसी बैंक हीं केवल सरकार व रिर्जव बैंक के दिए गयें आदेशों का पालन कर रही है. बाकी सभी बैंकों में बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों के द्वारा 2000 से 4000 रुपये निर्धारित कर दबंगई के साथ ग्राहकों को दिए जा रहे हैं. अगर कोई ग्राहक इस पर अगर कुछ पूछना चाहता है, तो गार्ड के माध्यम से उसे बैंक से बाहर कर दिया जाता है. इसका जीता जागता प्रमाण बृहस्पतिवार की दोपहर सेंट्रल बैंक की शाखा नवानगर में सांफ देखने को मिला. ग्राहकों ने शाखा प्रबंधक व कर्मचारियों के खिलाफ सड़क जाम कर अपना रोष व्यक्त किया. ग्राहकों का कहना था कि शाखा प्रबंधक मनमाने तरीके से पैसा का वितरण कर रहे हैं.

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