

जनता की शिकायत नियमित सुने और उसका गुणवत्तापूर्ण कराएं निराकरण
बलिया। विगत दिवस नोडल अधिकारी डा. सेंथिल पांडियन सी द्वारा कानून व्यवस्था के सम्बंध में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक सम्पन्न हुई. जनपद में विकास एवं कानून व्यवस्था के संबंध में जनपद स्तरीय एवं विकासखंड तहसील स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई.
समीक्षा में हर विभाग से संबंधित जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे आवारा पशु के लिए आश्रय केंद्र जो जिगिरिसड में निर्माण कार्य अभी तक पूरा न होने पर संबंधी एजेंसी पैक्स पैड के अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई और वहां स्थलीय निरीक्षण के लिए कहा यह कार्य मार्च, 2019 में पूरा होना था जो अभी तक नहीं हुआ है. इसी क्रम में कानून व्यवस्था के अंतर्गत महिला उत्पीड़न, छेड़खानी, हत्या, सड़क सुरक्षा तथा नाशा मुक्त, भू माफिया, अवैध खनन, अवैध कब्जा हटाना इत्यादि विशेष बिंदुओ पर फोकस रहा.
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण और ओडीएफ की स्थिति पर चर्चा कड़ी से डीपीआरओ से जनपद में पूछा गया कि कितने गांव ओडीएफ हो गए हैं. डीपीआरओ द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया. जिस पर नोडल अधिकारी काफी नाराजगी जताई और जनपद के अंतर्गत समस्त विकास खंडों में पांच-पांच गांव ओडीएफ कराने का लक्ष्य आगामी 20 दिन के अंदर दिया गया और समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस कार्य को आप लोग लगकर कराएं. अगले माह में यह कार्य पूर्ण होना चाहिए. अन्यथा की स्थिति में कठोर कार्यवाही की जाएगी.
जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत द्वारा बैठक में अपने संबोधन में अधिकारियों को विगत दिवस लखनऊ में प्रदेश के समस्त डीएम, मंडलायुक्त, पुलिस अधीक्षको की बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा ली गई. उसमें जो निर्देश दिए गए उसके बारे में अवगत कराया गया कि शासनादेश के अंतर्गत कार्यालय में सुबह 09 बजे से 11 बजे तक जनता की शिकायतों को नहीं सुना जा रहा है. इसलिए प्रदेश स्तर पर ज्यादा से ज्यादा मुख्यमंत्री जी के जनता दरबार में जनपदों से लोग अपनी छोटी-छोटी समस्या लेकर आते हैं. इसलिए अधिकारी अपने-अपने कार्यालय में सुबह 09 से 11 बजे तक अनिवार्य रूप से जनता की शिकायत नियमित सुने और उसका गुणवत्तापूर्ण निराकरण भी कराएं. अधिकारियों को अवगत कराया गया कि आकस्मिक निरीक्षण होगा. पूर्व की तरह बताकर निरीक्षण नहीं होगा. शासन की मंशा के अनुरूप जनपद के अधिकारियों में सुधार नहीं हो रहा है. इस पर दुःख जताया और कहा कि निष्क्रिय अधिकारी अब से नहीं जाएंगे.
बैठक में अपर जिलाधिकारी राम आसरे, मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह, नगर मजिस्ट्रेट बृज किशोर दुबे, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए, अर्थ एवं संख्याधिकारी, पुलिस अधीक्षक विजय पाल सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक एवं समस्त जनपद स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे.
