नवागत कप्तान ने संभाली गाजीपुर की कमान

गाजीपुर से विकास राय 

यूपी में छिड़ी चुनावी जंग के बीच अफसरों को हटाने और तैनात करने का सिलसिला भी चल रहा है. निर्वाचन आयोग ने वाराणसी के आईजी समेत कई जिलों के कप्तान बदल दिए. गाजीपुर के कप्तान अरविंद सेन भी निर्वाचन आयोग के फैसले से प्रभावित हुए और उन्हें हटा दिया गया. उनके स्थान पर सुभाष चंद्र दुबे जिले के नये कप्तान बनाए गए. सुभाष चंद्र दुबे इसके पहले भी जिले में तैनात रह चुके हैं, इस कारण उनकी कार्यशैली से गाजीपुर के लोग चिर-परिचित हैं. खासकर, माफिया और अपराधी तत्वों में उनकी तैनाती ने बेचैनी बढ़ा दी है. चुनाव के बीच जिले में उनकी तैनाती के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन इतना तय है कि अब चुनाव में किसी तरह की गड़बड़ी किसी को भी परेशानी में डाल सकती है.

माफियाओं के हैं दुश्मन नंबर-1
करीब पांच साल पहले जिले में अपनी तैनाती के दौरान कप्तान अपराधियों और विभागीय कर्मियों के बीच अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा चर्चित रहते थे. चुनाव की दृष्टि से पूर्वांचल में गाजीपुर और मऊ काफी संवेदनशील माना जाता है. गाजीपुर में बाहुबली मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के प्रभाव को लखनऊ तक महसूस किया जाता है. इस बार के चुनाव में अंसारी बंधुओं ने पहले सपा से हाथ मिलाकर चुनावी समर में उतरने की तैयारी की मगर अखिलेश के सफाई अभियान में यह कुनबा पार्टी में आने से वंचित रह गया. बाद में बसपा इस परिवार की खेवनहार बनी. चुनाव के मद्देनजर यहां के बारे में प्रदेश सरकार को जो इनपुट मिल रहा था, उसे देखते हुए शासन ने यहां के पूर्व कप्तान अरविंद सेन को हटाने का मन बना लिया और ट्रांसफर-पोस्टिंग की लिस्ट बनाकर निर्वाचन आयोग को परमिशन के लिए भेजी. निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सुभाष चंद्र गुप्त शुक्रवार को गाजीपुर के नये पुलिस कप्तान बना दिये गये.

तैनाती की आहट मिलते ही सकते में अपराधी
सुभाष चंद्र दुबे के नाम की घोषणा होते ही यहां के माफियाओं और अपराधियों को मानो सांप सूंघ गया है. सूत्रों के अनुसार चुनाव के दृष्टिगत जिले में बाहर के अपराधियों के आने की भी चर्चा होने लगी थी. इतना ही नहीं, कई तो गाजीपुर और आसपास के जिलों में पहले से ही डेरा डाल चुके हैं. अब जबकि जिले में नये कप्तान की तैनाती हो चुकी है, ऐसे में इन अपराधी तत्वों में हड़कंप मचा है. खबर तो यहां तक है कि चुनाव में जिन ‘बाहरियों’ को यहां आने का न्यौता भेजा गया था, उन्हें अब रुक जाने का संदेश भेजा जा रहा है. माना जा रहा है कि सुभाष चंद्र दुबे की तैनाती कर प्रदेश सरकार यहां चुनाव में व्यापक पैमाने पर होने वाली गड़बड़ी को रोकने के अपने मंसूबे पर काफी हद तक सफलता प्राप्त कर लेगी.

This post is sponsored by ‘Mem-Saab & Zindagi LIVE’