

दुबहड़ (बलिया)। सेना के अफसर का पार्थिव शरीर शनिवार को सेना के जवानों द्वारा उनके पैतृक गांव घोड़हरा लाया गया. मालूम हो कि आगरा के मिलिट्री छावनी में हृदयाघात से उनकी मौत हो गई थी. उनके शव के गांव आने की सूचना मिलते ही उनके दरवाजे पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. शव के घर पर पहुंचते ही परिजन एवं रिश्तेदारों का रोते रोते बुरा हाल है.
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सूबेदार मेजर नन्दा प्रसाद की अंत्येष्टि भरसर स्थित जौहरी गंगा घाट पर वाराणसी मिलिट्री छावनी एवं आगरा से आए सेना के जवानों के गार्ड आफ आनर के साथ की गई. मुखाग्नि उनके इकलौते पुत्र आशीष ने दिया. सूबेदार मेजर नन्दा प्रसाद गांव एवं सेना में भी काफी मिलनसार एवं मृदुभाषी थे. इसलिए गंगा घाट पर भी सेना के जवान एवं ग्रामीण अपना आंसू नहीं रोक सके. गौरतलब है कि सूबेदार मेजर नन्दा प्रसाद पुत्र रामाशंकर वर्मा की आगरा में ड्यूटी के दौरान हृदयाघात से गुरुवार को मौत हो गई थी. इस अवसर पर भृगु गुप्ता,प्रदीप गुप्त, लक्ष्मण वर्मा, भोला जी, पंचानन्द, विश्वजित राम, संजय चौहान, वीरेन्द्र कुमार सोनी पप्पू, कृष्णा गुप्ता आदि मौजूद रहे.