बैरिया-मुरलीछपरा के सैकड़ों कार्डधारकों के नाम लाभार्थी सूची से हटे, गरीब दर-दर भटकने को मजबूर

बैरिया,बलिया. पिछले छह महीने में मुरलीछपरा व बैरिया विकासखंड के दर्जनों गांवों के पात्र गृहस्थी के सैकड़ो कार्डधारकों का नाम सूची से काट दिया गया है. इससे यह लोग कोटेदारों से मिलने वाले सस्ते अनाज से वंचित हो गए हैं. इस बारे में पूछा गया कि पात्र लोगों का नाम पात्र गृहस्थी की सूची से कैसे कट गया तो आपूर्ति विभाग के अधिकारी खण्ड विकास कार्यालय को कसूरवार ठहरा रहे हैं वहीं खण्ड विकास कार्यालय इसके लिए आपूर्ति विभाग पर दोष मढ़ रहा है.

 

गौरतलब है कि जहां से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के पात्र गृहस्थी की सूची में नाम आनलाइन फीड होता है वहीं से कुछ लोगों का नाम हर महीने सूची से काट दिया जा रहा था. जिसका नाम कटता है वह गरीब, कोटेदार की दुकान का चक्कर लगाता लगाता रह जाता है.

 

कोटेदार आधार कार्ड आदि लेकर दुबारा नाम दर्ज कराने के लिए जाते है तो उन्हें कम्प्यूटर आपरेटर को चढ़ावा देना पड़ता है. सबसे बड़ी समस्या है नाम दुबारा दर्ज होने के बाद भी नियमानुसार तीन महीने तक सबंधित व्यक्ति को सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान से खाद्यान्न नही मिल पाता है. फलस्वरूप तीन महीने तक सबंधित गरीब परिवार दाने-दाने के लिए मोहताज हो जाता है.

 

यह प्रक्रिया काफी दिनों से चल रही है सबकुछ वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में है बावजूद इसके अधिकारी मूकदर्शक बने हुए है गरीब परेशान है.

 

इस बारे में दिलीप कुमार सिंह, पूर्ति निरीक्षक, मुरलीछपरा ने कहा कि सूची में नाम काटने जोड़ने का काम विकास खंड कार्यालय की रिपोर्ट पर होता है ग्राम विकास अधिकारी गांव में जाते है पात्र-अपात्र का सर्वे करने के बाद अपनी रिपोर्ट भेजते है और उसी आधार पर सूची से नाम काटे जाते है जोड़े जाते है.

 

उधर खण्डविकास अधिकारी बैरिया/मुरलीछपरा राम आशीष ने कहा कि नाम काटने और जोड़ने का काम आपूर्ति विभाग करता है सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अपने मन से ब्लॉक कार्यालय कोई निर्णय नही लेता है. पूर्ति कार्यालय से ब्लॉक कार्यालय रिपोर्ट मांगता है, सचिवों द्वारा जांच कर सत्यापन किया जाता है,अगर सचिवों के गलत रिपोर्ट से किसी पात्र का नाम कट गया हो तो पुनः ऑनलाइन आवेदन करें उनका बनवा दिया जाएगा.

 

(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)

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