बैरिया(बलिया)। तहसील परिसर में मंगलवार को सैकड़ो लोगों के साथ ‘चेतना दिवस’ मनाने पहुंचे बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह अपने पहले वाले उस रौ में नजर आए, जैसे विधायक बनने से पहले तहसील में अपना तेवर दिखाते थे, बोलते थे.
सत्ता पक्ष के विधायक होने के बावजूद भी वह सरकारी अधिकारी व कर्मचारियो को जमकर आड़े हाथों लिए. उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए बोले कि कोई अधिकारी कर्मचारी घूस मांगे तो घूंसा दो और फिर भी नहींं माने तो उसे जूता दो.
संपूर्ण समाधान दिवस के मौके पर पहुंचे विधायक ने पहले तो यहां अधिकारियों और कर्मचारियों पर जमकर भड़ास निकाली. इसके बाद यहां मौजूद लोगों से बोले,
कोई भी कर्मचारी या अधिकारी आपसे रिश्वत मांगता है तो उसकी आवाज को रिकॉर्ड कर लें और मेरे सामने प्रस्तुत करें.’ विधायक यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, ‘कोई घूस मांगे तो घूंसा दो, तब भी नहीं माने तो जूता दो.’
बीजेपी विधायक का यह तेवर तब सामने आया है जब उनके भतीजा व कानूनगो के साथ मारपीट की घटना हुई. जिसके खिलाफ राजस्व कर्मचारियों ने मुकदमा दर्ज कराया है. भतीजे के खिलाफ कार्रवाई से खफा बीजेपी विधायक ने कहा, ‘तहसील की हालत वेश्यालय से भी बदतर हो गई है.
मैं विधायक रहूं या न रहूं लेकिन तहसील पर रिश्वतखोर अधिकारियों व कर्मचारियों को नहीं रहने दूंगा.’ उन्होंने कहा कि तहसील में अधिकारी व कर्मचारी मर्यादा भंग करके काम करेंगे तो मर्यादा भंग होगी. विधायक ने यहां तक चेतावनी दे डाली कि अभी तो कार्यकर्ता मर्यादा भंग कर रहे हैं, अगर तब भी रिश्वतखोर नहीं सुधरे तो विधायक होते हुए मैं खुद मर्यादा भंग करूंगा.
बीजेपी विधायक ने कहा, ‘मेरा राजनीतिक जन्म चूड़ी पहनकर नहीं, आम लोगों के लिए लड़ते हुए हथकड़ी पहनकर हुआ है. द्वाबा की जनता के हित व कार्यकर्ताओं के लिए मैं कुछ भी त्याग कर सकता हूं. इसके बाद विधायक सुरेन्द्र सिंह ने सम्पूर्ण समाधान दिवस के मौके पर पहुंचकर उपजिलाधिकारी अनिल कुमार चतुर्वेदी, क्षेत्राधिकारी बैरिया उमेश कुमार व तहसीलदार दूधनाथ राम से कहा कि वरासत, खेतों की पैमाइश में 10 हजार से 15 हजार तक रिश्वत ली जा रही है, यह बन्द होना चाहिए.
इस अवसर पर तहसील में विधान सभा क्षेत्र के गांव-गांव से आए लोगों ने तहसील में गहराई तक जड़ जमा चुकी भ्रष्टाचार की परत दर परत जिक्र विधायक के समक्ष किया. विधायक ने विधान सभा क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि आम लोग तहसील पर पैनी नजर बनाए रखें. आने वाले लोगों का न शोषण हो और न ही परेशान होना पड़े. लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि मोदीजी व योगीजी की सरकार है. उक्त मौके पर अमिताभ उपाध्याय, विजयबहादुर सिंह, सुधांशू तिवारी, ददन भारती, धर्मवीर उपाध्याय, अयोध्या प्रसाद, तेजनरायन मिश्र, रामाशंकर सिंह, निखिल उपाध्याय, चंद्रभूषण सिंह, मणि सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे.
राजस्वकर्मियों का कार्य बहिष्कार रहा जारी
सम्पूर्ण समाधान दिवस पर राजस्व निरीक्षक व लेखपाल कार्य बहिष्कार किए. सम्पूर्ण समाधान दिवस पर भूमि विवाद के मामलों में अधिकारियों को काफी परेशानी हुई. जबकि लेखपाल, कानूनगों से सम्बंधित कार्यो के लिए आये आम लोगों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा. इस सम्बन्ध में एसडीएम व तहसीलदार पूछने पर कुछ भी जबाब देने से बचते रहे. उनके चेहरे पर साफ दबाव झलक रहा था.