सिकंदरपुर(बलिया)। देश में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 7 दिन से बचे हैं. इसके साथ ही चुनावी सरगर्मी कस्बा शहर ही नहीं बल्कि गांवों में भी नजर आने लगी है. समाज के हर वर्ग के लोग अपने-अपने एजेंडे पर खुलकर चर्चा कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा दे रहे चिकित्सकों का अपना एजेंडा है. तो युवाओं का अपना एजेंडा है. कुछ ग्रामीण है उनका अपना अलग एजेंडा है. कुछ नगर निवासी हैं उनका अपना अलग एजेंडा है. चिकित्सक आर. पी.आर्य का कहना है कि हम विपरीत परिस्थितियों में समाज के लोगों की सेवा करते हैं. देश में सरकार किसी की बने हमारी परेशानियों को दमदारी से संसद में उठाने वाला प्रतिनिधि हो होना चाहिए.
होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर एमआर चौहान का कहना है कि सांसद ऐसा हो जो अपने संसदीय क्षेत्र की समस्याओं को समझे और संसद में उठाए तथा क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे. ऐसा न हो कि जीतकर यदि क्षेत्र से जाए तो क्षेत्र में आए ही नहीं. ग्रामीण आकाश कुमार ने कहा कि देश में सरकार किसी की भी बने लेकिन हम लोगों की सुविधा का ध्यान रखते हुए कानून बने. संसद में जाकर हमारी समस्याओं को उठाएं. समस्याओं के लिए लड़े. ऐसा सांसद होना चाहिए. नगर निवासी चुन्नीलाल गुप्ता ने कहा कि शहर की अपेक्षा ग्रामीण अंचलों मैं बहुत सारी समस्याएं होती हैं. संसद को चाहिए कि सबसे पहले वह अपने संसदीय क्षेत्र में जाए घूमे हर समस्याओं को देखे और उसके निराकरण के लिए काम करें.