नई दिल्ली। प्रवासी मजदूरों को गृहराज्यों में पहुंचाने के लिए चलाई जाएंगी ट्रेनें, आपादा प्रबंधन अधिनियम में दो दिन में दूसरी बार संशोधन, रास्ता साफ. इसके लिए रेल मंत्रालय एक नोडल अफ़सर तैनात करेगी, जो राज्य सरकारों के साथ मिल कर इस दिशा में काम करेगा की कैसे अलग अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों को घर पहुंचाया जा सके.
गृह मंत्रालय ने इस बारे में नया ऑर्डर निकाला है. ऑर्डर में लिखा है कि रेल मंत्रालय इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए नए दिशा निर्देश जारी करेगी जिसमें टिकट बिक्री, सोशल डिस्टेंसिग और सुरक्षा के लिहाज़ से उठाए जाने वाले कदमों की विस्तृत जानकारी होगी. इसका मतलब साफ़ है कि घर जाने के इंतज़ार में दूसरे राज्यों में बैठे मज़दूरों से किराया भी वसूला जाएगा.
शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में इस बारे में फैसला हुआ. इस मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्र शामिल रहे. रेल मंत्रालय ने अपने सभी जोन्स के लिए निर्देश जारी किए हैं. उनसे कहा गया है कि वे राज्यों से उनकी डिमांड का पता करें. अगर सब कुछ ठीक रहता है तो आज-कल में कई और स्पेशल ट्रेनें शुरू की जा सकती हैं. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र से अपने वर्कर्स को लाने के लिए अनुमति दे दिया है. हालांकि बिहार ने अभी तक रजामंदी नहीं दी है.
केरल से करीब 12,00 प्रवासी मजदूरों को लेकर यहां के अलुवा रेलवे स्टेशन से एक विशेष ट्रेन ओडिशा के भुवनेश्वर के लिए शुक्रवार शाम को रवाना होगी. राज्य मंत्री वीएस सुनील कुमार ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही ओडिशा के प्रवासी मजदूर एर्नाकुलम जिले के राहत कैंपों में ठहरे हुए थे. कुमार ने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देशों के तहत प्रवासी मजदूरों को सरकारी बसों के जरिए स्टेशन तक लाया जाएगा. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि विशेष ट्रेन शाम छह बजे रवाना होगी.
झारखंड सरकार के अनुरोध पर केंद्र ने शुक्रवार को एक स्पेशल ट्रेन चलाने की इजाजत दे दी. यह स्पेशल ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे 1,200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक ले जाने के लिए रवाना की गई, जो रात करीब 11 बजे हटिया पहुंचेगी. आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया, ’24 बोगियों वाली यह ट्रेन शुक्रवार सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई.’
जानिए क्या है श्रमिक स्पेशल ट्रेन का मतलब
- रेल मंत्रालय ने लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्यत व्यक्तियों को विभिन्न स्थानों पर ले जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत की है.
- ये विशेष रेलगाडि़यां संबंधित दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगी.
- गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों को विभिन्न स्थानों पर ले जाने के लिए आज “श्रमिक दिवस” से “श्रमिक स्पेशल” ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है.
- मानक प्रोटोकॉल्स के अनुसार इन फंसे हुए लोगों को भेजने वाली और उनकी अगवानी करने वाली संबंधित दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर ये विशेष रेलगाडि़यां एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगी. रेलवे और राज्य सरकारों की ओर से समन्वयन और “श्रमिक स्पेशल्स’’ के सुचारु परिचालन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.
- यात्रियों को भेजने वाले राज्यों द्वारा उनकी जांच की जाएगी और यात्रा की अनुमति केवल उन्हीं लोगों को दी जाएगी, जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जायेगा. भेजने वाली राज्य सरकारों को इन लोगों को ट्रेन में बिठाने के लिए निर्धारित रेलवे स्टेशन तक सैनिटाइज्ड बसों में बैठाकर सामाजिक दूरी के नियमों और अन्य सावधानियों का पालन करते हुए जत्थों में लाना होगा. प्रत्येक व्यक्ति के लिए फेस कवर लगाना अनिवार्य होगा. भेजने वाले राज्यों द्वारा शुरुआती स्टेशन पर उनके लिए भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाएगा.
- रेलवे यात्रियों के सहयोग से सामाजिक दूरी के मानदंडों और स्वच्छता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा. लंबे मार्गों पर यात्रा के दौरान रास्ते में रेलवे एक भोजन प्रदान करेगा.
- गंतव्य तक पहुंचने पर, राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की अगवानी की जाएगी. वहीं उनकी स्क्रीनिंग, यदि आवश्यक हो क्वारंटीन और रेलवे स्टेशन से आगे की यात्रा जैसे सभी तरह के प्रबंध करेगी. राष्ट्र के सामने मौजूद संकट की इस घड़ी में भारतीय रेल के सभी अधिकारी और कर्मचारी साथी भारतवासियों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी का समर्थन और सहयोग चाहते हैं.