जेसीबी मशीन लगा कर बंधे के किनारे को काटकर बनाया जा रहा रास्ता
धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन
सहतवार(बलिया)। एक तरफ शासन प्रशासन के लोग बाढ़ के समय जहाँ टीस बन्धे को बचाने के लिए पूरी ताकत लगाकर टीएस बन्धा बचाकर लोगों को सुरक्षा देते है, वहीं खनन के कार्य कर रहे लोगो द्वारा टीएस बन्धा 57, 58 के बीच हसनपुरा गाँव के पास टीएस बन्धे से सटे काटकर नया रास्ता बनाकर खनन का कार्य करने से इस वर्ष बाढ के समय टीएस बन्धे को टूटने का खतरा बढ गया है. जिससे क्षेत्र के लोगो मेें आक्रोश बढ़ रहा है. साथ ही बाढ़ के दिनों में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को लेकर चिंता बढ़ रही है. ध्यान देने वाली बात यह है कि यहाँ खनन का कार्य पिछले कई महीनों से खुलेआम जेसीवी मशीनो व कई ट्रेक्टरो के सहारे चल रहा है. फिर भी शासन प्रशासन के लोग मौन है.
ज्ञात हो कि टीएस बन्धा 55 व 64 के बीच साहिल, चूहों व अन्य जानवरों द्वारा टीएस बन्धा के नीचे माँद कर देने से जर्जर हो गया है. जो बाढ आने के समय टीएस बन्धा जब रिसने लगता है तब पता चलता है. अधिकारी भी बाँध रिसना शुरू होने पर हाय तौबा मचाने लगते है. उसके पहले कोई ध्यान नही देता है. उस क्षेत्र के लोगो का कहना है कि इस रास्ते के बारे मे कई बार अधिकारियों से कहा गया. लेकिन किसी ने आज तक सुधि नही ली. अब बाढ का समय नजदीक आ रहा है. अगर बन्धा टूट गया तो इस वर्ष भारी तबाही से कोई नही बचा सकता.