
बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र
परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को मध्यान भोजन योजना का खाद्यान्न उपलब्ध कराने में पूरी तरह सम्बंधित विभाग विफल रहा है. आधे से भी कम खाद्यान्न उपलब्ध होने पर शिक्षक परेशान है, किस बच्चे को खाद्यान्न दें, किसे नहीं.
उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में विद्यालयों के बन्द रहने के कारण एमडीएम नहीं बन पाया है. ऐसे में शासन ने 57 दिनों का खाद्यान्न गेहूं और चावल के रूप में बच्चों को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था. इस योजना के तहत हर छात्र को ढाई किलो गेंहू और पांच किलो 100 ग्राम चावल देना था. किंतु विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण आधे से कम छात्रों के लिए खाद्यान्न उपलब्ध करवाया गया है. उदाहरण के लिए प्राथमिक विद्यालय श्रीकांतपुर में कुल 95 छात्र छात्राएं हैं, किंतु यहां केवल 91 किलो गेंहू और102 किलो चावल उपलब्ध कराया गया है.
इसी तरह प्राथमिक विद्यालय नारायणगढ़ में कुल 80 छात्र छात्राएं हैं, वहां 48 किलो गेंहू और 93 किलो चावल उपलब्ध कराया गया है. प्राथमिक विद्यालय सियरहिया में कुल 161 छात्र छात्राएं हैं, यहां 129 किलो गेंहू और 280 किलो चावल उपलब्ध करवाया गया है. प्राथमिक विद्यालय दुखहरन गिरी के मठिया में 125 छात्र छात्राएं हैं, यहां केवल 75 किलो गेंहू और 150 किलो चावल उपलब्ध कराया गया है.
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यही स्थिति शिक्षा क्षेत्र बैरिया व शिक्षा क्षेत्र मुरलीछपरा का है, यहां बच्चों की संख्या के सापेक्ष में आधे से भी कम खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है. इस बाबत पूछने पर हाट निरीक्षक रानीगंज प्रदीप जैसवाल का कहना है कि जो संख्या खण्ड शिक्षा अधिकारी ने कार्यालय से प्राप्त हुआ है, उसी के आधार पर खाद्यान्न विद्यालयों में भेजा गया है. जबकि खण्ड शिक्षा अधिकारी हेमन्त मिश्र का कहना है कि जो खाद्यान्न उपलब्ध है, वह छात्र छात्राओं को निर्धारित मात्रा में वितरित किया जाएगा. शेष बचे छात्र छात्राओं के लिए डिमाण्ड किया जाएगा, उपलब्ध होने पर उन्हें भी खाद्यान्न दे दिया जाएगा.