दुबहर (बलिया)। मंगल पांडेय विचार मंच की आवश्यक बैठक बुधवार को नगवा स्थित कैंप कार्यालय पर अध्यक्ष कृष्णकांत पाठक की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए सैनिकों की अंत्येष्टि में प्रदेश के मुख्यमंत्री अथवा उनके प्रतिनिधि के रूप में किसी कैबिनेट मंत्री को अवश्य उपस्थित रहने का प्रावधान बनना चाहिए.
कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की सुरक्षा करते समय अपने प्राणों तक की बाजी लगाने वाले शहीद की अंत्येष्टि में मुख्यमंत्री और मंत्री को बुलाने के लिए शहीद के परिजनों को और अक्सर अनशन करना पड़ रहा है. विचार मंच ने आज की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा कि शहीद सैनिकों के अंत्येष्टि में संबंधित राज्य सरकार के मुख्यमंत्री अथवा उनके प्रतिनिधि के रूप में कैबिनेट मंत्री को सम्मिलित कराकर सरकार की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करने की अनिवार्य व्यवस्था होनी चाहिए.
कहा कि बहुत ऐसे अवसर देखे गए हैं संबंधित थाने के दरोगा भी सलामी देने के लिए मौके पर नहीं जा पाते हैं. इसके लिए शहीद के परिवार को उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुए अनशन आंदोलन की धमकी दी जाती है. तब कहीं जाकर के प्रशासन की नींद टूटती है. यह व्यवस्था बंद होनी चाहिए. शहीदों को यथा उचित सम्मान समाज और सरकार की तरफ से हर हाल में मिलना चाहिए. क्योंकि आज हम उन्हीं की बदौलत सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित हैं. इस मौके पर अंजलि सिंह, पन्नालाल गुप्ता, अरुण कुमार, गणेशजी सिंह, अन्नपूर्णा नन्द तिवारी, नरेंद्र यादव, प्रकाश, सुरेश चंद प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, डॉ. ब्रिकेश पाठक आदि उपस्थित थे.