आजादी के लिए शहीद-ए-आज़म मंगल पांडेय ने खेली थी खून की होली

दुबहड़, बलिया. 29 मार्च 1857 को अंग्रेजो के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले मंगल पांडेय ने इसी दिन खून की होली खेलकर संपूर्ण देशवासियों को रंग की होली खेलने का मौका दिया. मंगल पांडेय के बगावत और बलिदान के फलस्वरूप ही भारत को आगे चल कर 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली. उक्त बातें रविवार 29 मार्च को मंगल पांडेय विचार मंच के तत्वावधान में आयोजित मंगल क्रांति दिवस के मौके पर के के पाठक ने व्यक्त की.

मंगल पांडेय विचार मंच के अध्यक्ष के के पाठक ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद-ए-आजम मंगल पांडेय का बलिदान संपूर्ण देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत  है. इस मौके पर मंगल पांडेय विचार मंच ने उपस्थित सभी लोगो  को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं भी दी. इस मौके पर मुख्य रूप से अरुण कुमार साहू, विमल पाठक, विवेक सिंह, गणेशजी सिंह, अरुण सिंह, पन्नालाल गुप्ता, नितेश पाठक, अन्नपूर्णानन्द तिवारी, अजीत पाठक, नमोनारायण यादव, रणजीत सिंह आदि लोग रहे. संचालन मंगल पांडेय विचार मंच के प्रवक्ता बब्बन विद्यार्थी ने किया.

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